क्या श्रीमद्भगवद्गीता सिर्फ किताब नहीं, बल्कि जीवन को सही से जीने का मार्गदर्शन है?

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क्या श्रीमद्भगवद्गीता सिर्फ किताब नहीं, बल्कि जीवन को सही से जीने का मार्गदर्शन है?

सारांश

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया का मानना है कि श्रीमद्भगवद्गीता जीवन का एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन है। इस लेख में जानें कैसे 15,000 युवाओं ने दिल्ली में आयोजित एक भव्य महोत्सव में इस सिद्धांत को अपनाया।

Key Takeaways

  • श्रीमद्भगवद्गीता केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शन है।
  • युवाओं की शक्ति देश का भविष्य है।
  • नशा मुक्ति अभियान में नया गिनीज रिकॉर्ड बनाया गया है।
  • सदाचार और दुराचार का प्रभाव जीवन में महत्वपूर्ण होता है।
  • इस्कॉन द्वारा आयोजित कार्यक्रम संस्कृति का उत्सव है।

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता सिर्फ एक पुस्तक नहीं है, बल्कि यह जीवन को सही तरीके से जीने का एक मार्गदर्शन है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में उद्गार मेगा यूथ फेस्टिवल 2025 का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से 15,000 युवाओं ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि जब दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में 15,000 युवा एक साथ सत्य सनातन और संस्कृति की आवाज बने, तो पूरे स्टेडियम में हरे कृष्णा के जयकारों ने भक्ति भाव का माहौल बना दिया।

यह भव्य कार्यक्रम इस्कॉन इंडिया यूथ काउंसिल द्वारा आयोजित किया गया है, जिसका विषय 'संस्कृति और कल्याण का उत्सव' है। इस बार की थीम 'सुसंस्कृत युवा - सुगुण भारत, स्वस्थ युवा - सशक्त भारत' है। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी देते हुए लिखा कि आज इस्कॉन द्वारा आयोजित युवा महोत्सव उद्गार में शामिल हुए और वहाँ उपस्थित 15,000 से अधिक युवा साथियों को संबोधित किया।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में नशा मुक्ति के विरुद्ध अभियान के अंतर्गत 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक शपथ लेने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि युवाशक्ति के हाथ में देश का भविष्य है। यह शक्ति किसी को अर्जुन तो किसी को दुर्योधन बना देती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब किसी की शक्ति सदाचार की ओर बढ़ती है तो वह उसे अर्जुन बना देती है और जब दुराचार की दिशा में बढ़ती है तो वह उसे दुर्योधन बना देती है। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र ही हमें हमारी शक्ति का बोध कराते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि युवाओं का सही मार्गदर्शन करना और उन्हें सकारात्मक दिशा में ले जाना आवश्यक है। श्रीमद्भगवद्गीता जैसे शास्त्रों का अध्ययन कर हम अपने भविष्य को और अधिक उज्जवल बना सकते हैं।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व क्या है?
श्रीमद्भगवद्गीता जीवन जीने की कला और मार्गदर्शन का एक अद्भुत स्रोत है।
उद्गार मेगा यूथ फेस्टिवल में क्या हुआ?
इस महोत्सव में 15,000 युवाओं ने भाग लिया और नशा मुक्ति के लिए शपथ लेने का रिकॉर्ड भी बनाया।
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