क्या स्किनकेयर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने के बाद भी चेहरे पर निखार नहीं है? जानें आयुर्वेदिक उपाय
सारांश
Key Takeaways
- विटामिन्स और मिनरल्स का सही स्तर रखना जरूरी है।
- सही आहार से त्वचा को प्राकृतिक निखार मिल सकता है।
- आयुर्वेदिक उपाय त्वचा की स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
- विटामिन ए, सी, ई और बी का सेवन महत्वपूर्ण है।
- आयरन और जिंक की कमी से बचें।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कुछ व्यक्तियों की त्वचा बिना किसी मेकअप के भी चमकदार होती है, जबकि अन्य लोग कई स्किनकेयर प्रोडक्ट का उपयोग करने के बावजूद निखार नहीं प्राप्त कर पाते हैं। असल में, त्वचा की असली चमक केवल क्रीम, फेसवॉश या मेकअप पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह हमारे शरीर के अंदर के पोषक तत्वों पर भी निर्भर करती है।
शरीर में आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स की कमी से त्वचा का नैचुरल ग्लो धीरे-धीरे कम होता जाता है।
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों यह मानते हैं कि चमकदार, स्वस्थ और साफ त्वचा पाने के लिए शरीर के अंदर संतुलन और पोषण का सही स्तर होना बेहद आवश्यक है।
विटामिन ए त्वचा की नई कोशिकाएं बनाने में सहायक होता है। इसकी कमी से त्वचा रूखी, बेजान और पपड़ीदार हो सकती है। विटामिन ए की कमी को दूर करने के लिए रोजाना गाजर, पालक, देसी घी, दूध और शकरकंद का सेवन लाभदायक होता है। रात में हल्के गर्म घी में 1–2 बूंद नींबू रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा मुलायम बनी रहती है।
विटामिन सी कोलेजन बनाने में मदद करता है और त्वचा को कसावट और चमक प्रदान करता है। इसकी कमी से चेहरा फीका और डार्क स्पॉट बढ़ जाते हैं। इसे बढ़ाने के लिए सुबह खाली पेट नींबू पानी या आंवला रस का सेवन बहुत अच्छा होता है। संतरा, अमरूद, टमाटर और हरी मिर्च भी इस कमी को पूरा करने में सहायक हैं।
विटामिन ई त्वचा की मॉइश्चर लेयर को बनाए रखता है। इसकी कमी से त्वचा सूखी, खुरदुरी और झुर्रीदार हो सकती है। इसे पूरा करने के लिए बादाम, सूरजमुखी के बीज और एवोकाडो जैसे खाद्य पदार्थ बेहद उपयोगी हैं। रात में बादाम या नारियल तेल से हल्की मालिश करने से त्वचा नरम और हाइड्रेटेड रहती है।
विटामिन बी त्वचा के लिए ऊर्जा का स्रोत है। इसकी कमी से चेहरा थका, मुरझाया और दाग-धब्बों से भरा दिख सकता है। हरी सब्जियां, दूध, दही, केला और अंकुरित अनाज का नियमित सेवन इस कमी को दूर करने में मदद करता है।
इसके अतिरिक्त, आयरन भी त्वचा की चमक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयरन की कमी से चेहरा पीला और बेजान दिख सकता है। आयरन के लिए बीटरूट, पालक, अनार और गुड़ का सेवन लाभदायक है। वहीं, जिंक की कमी मुंहासे और सूजन को बढ़ाती है। कद्दू के बीज, मूंग और मसूर दाल इसके अच्छे स्रोत हैं।
आयुर्वेद का कहना है कि त्वचा का तेज तभी आता है जब पाचन मजबूत हो और रक्त शुद्ध रहे। इसीलिए, नीम, त्रिफला, मंजिष्ठा और आंवला का नियमित सेवन शरीर की अंदरूनी शुद्धि में मदद करता है और चेहरे पर प्राकृतिक निखार लाता है।