क्या सोनिया गांधी खुद को यीशु मसीह से बड़ा मानती हैं? गौरव वल्लभ का सवाल
सारांश
Key Takeaways
- तेलंगाना CM ने विवादित टिप्पणी की।
- सोनिया गांधी की भूमिका पर सवाल उठाए गए।
- भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
- राजनीति में धार्मिक मुद्दे अक्सर उठते हैं।
- समाज में ध्रुवीकरण की संभावना बढ़ी।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा क्रिसमस समारोह को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के बलिदान से जोड़ते हुए बयान ने देश में एक राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरव वल्लभ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मैं चाहता हूँ कि वेटिकन में मौजूद पोप इस मामले का संज्ञान लें और सोनिया गांधी से पूछें कि क्या वे अपने आप को यीशु मसीह से भी बड़ा मानती हैं या नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि पोप को यह देखना चाहिए कि भारत में एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति यीशु मसीह के ऊपर सोनिया गांधी को रखता है। मुझे लगता है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री को अपनी चाटूकारिता और चरण वंदना के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मैंने इससे अधिक चाटूकारिता का उदाहरण अपने जीवन में नहीं देखा। अगर सोनिया गांधी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के इस बयान पर चुप हैं, तो वह निश्चित रूप से अपने आप को यीशु मसीह से ऊपर मानती हैं। यदि ऐसा नहीं है, तो उन्हें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।"
कांग्रेस के विकसित भारत-जी राम जी बिल के विरोध पर उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी इस बिल का विरोध कर रही हैं क्योंकि इसमें भगवान राम का नाम है। इस नाम से इतनी नफरत और भय क्यों? भगवान राम तो सभी के हैं। भगवान राम के नाम पर किसी प्रकार का पाप मत कीजिए।
गौरतलब है कि हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में शनिवार को सरकार द्वारा आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम में रेवंत रेड्डी ने कहा कि यदि आज तेलंगाना में लोग क्रिसमस मना रहे हैं, तो यह सोनिया गांधी के महत्वपूर्ण योगदान और बलिदान के कारण है।
उन्होंने सोनिया गांधी के जन्मदिन और राज्य के गठन के महीने का भी उल्लेख किया, यह बताते हुए कि दिसंबर का महीना तेलंगाना के लिए विशेष महत्व रखता है।
भारतीय जनता पार्टी ने सीएम रेड्डी के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने मुख्यमंत्री पर अनुचित तुलना करने और एक धार्मिक समारोह का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।