क्या तमिलनाडु सरकार का 'उंगलुदन स्टालिन' योजना से लोग खुश हैं? 30 लाख आवेदन मिले!

सारांश
Key Takeaways
- 30 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
- महिलाओं की बड़ी संख्या ने आवेदन किया है।
- सरकार ने 45 दिनों में समाधान का वादा किया है।
- यह योजना नागरिकों को सीधे सेवाएं उपलब्ध कराती है।
- शिकायत निवारण का नया तरीका अपनाया गया है।
चेन्नई, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु सरकार का कहना है कि उसकी प्रमुख जनकल्याणकारी योजना 'उंगलुदन स्टालिन' (जिसका अर्थ है 'स्टालिन आपके साथ') को जनता की व्यापक स्वीकृति मिली है। मात्र 30 दिनों में इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 30 लाख से अधिक अर्जियां प्राप्त हुई हैं।
सरकारी जानकारी के अनुसार, 15 जुलाई से 14 अगस्त के बीच राज्यभर में 3,561 विशेष शिविरों के माध्यम से याचिकाएं मिलीं।
यह पहल लोगों को उनके नज़दीक लाने और नागरिकों को शिकायतें दर्ज कराने का एक साधन है, साथ ही कल्याणकारी योजनाओं को सीधे उनके घरों तक पहुंचाने का भी।
इस योजना ने लाखों लोगों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को सरकारी योजनाओं, प्रमाण-पत्रों और सेवाओं से संबंधित समस्याओं को कई दफ्तरों के चक्कर लगाए बिना सीधे अधिकारियों तक पहुंचाने में सहायता प्रदान की है।
याचिकाओं में महिलाओं की संख्या अत्यधिक थी।
रिपोर्टों के अनुसार, 13.7 लाख याचिकाएं महिलाओं द्वारा आईं, जो कलैगनार मगालीर उरीमाई थोगाई (केएमयूटी) योजना में पुनः नामांकन कराना चाहती थीं। यह योजना परिवारों की योग्य महिला मुखियाओं को हर महीने वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
अर्जियों की इतनी बड़ी संख्या इस योजना की लोकप्रियता और राज्य की महिलाओं के बीच इसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।
अधिकारियों ने कहा है कि सरकार इन याचिकाओं पर शीघ्र कार्रवाई करने के लिए तत्पर है।
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने कहा है कि शिविरों में प्राप्त सभी शिकायतों का समाधान 45 दिनों के भीतर किया जाएगा।
तमिलनाडु के जिला प्रशासन ने भी इसी तरह का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सरकार ने प्रशासन को लोगों के करीब लाने के अपने महत्वपूर्ण लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए 'उंगलुदन स्टालिन' योजना की शुरुआत की है।
यह आउटरीच योजना 'उंगल थोगुथियिल मुदलामैचार' (आपके क्षेत्र के मुख्यमंत्री) जैसे पुराने शिकायत निवारण सिस्टम पर आधारित है, लेकिन इसमें सहभागिता और पहुंच अधिक है। इतनी कम समय में बड़ी संख्या में याचिकाएं प्राप्त होने के कारण, अब राज्य सरकार के सामने शीघ्र कार्रवाई करने की चुनौती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या इन लाखों शिकायतों को वादा किए गए समय में निपटाया जाता है। इससे सरकार की सेवा प्रणाली पर जनता का विश्वास बढ़ेगा।