क्या तेल की खरीद राष्ट्रीय और वैश्विक हितों की स्थिरता में मदद करती है? : विदेश मंत्री जयशंकर

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क्या तेल की खरीद राष्ट्रीय और वैश्विक हितों की स्थिरता में मदद करती है? : विदेश मंत्री जयशंकर

सारांश

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों का समर्थन करते हुए बताया कि तेल खरीदने से कीमतों में स्थिरता आती है, जो न केवल राष्ट्रीय हित में है, बल्कि वैश्विक हित में भी मदद करती है। जानिए उन्होंने इस पर क्या कहा।

Key Takeaways

  • तेल खरीद से कीमतों में स्थिरता आती है।
  • भारत अपने राष्ट्रीय हित के लिए स्वतंत्र निर्णय ले रहा है।
  • रूस से तेल खरीद वैश्विक हित में भी सहायक है।
  • अमेरिका से तेल खरीद बढ़ी है।
  • भारत ऊर्जा बाजार में अपनी भूमिका को समझता है।

नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की तैयारी के बीच, विदेश मंत्री (ईएएम) डॉ. एस. जयशंकर ने शनिवार को रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों का बचाव करते हुए कहा कि तेल खरीद से कीमतें स्थिर होकर राष्ट्रीय और वैश्विक हित साधते हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में 'द इकोनॉमिक टाइम्स' द्वारा आयोजित कार्यक्रम में, विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भारत ऊर्जा के संदर्भ में स्वतंत्र निर्णय लेने की प्रक्रिया जारी रखेगा।

विदेश मंत्री ने कहा, "यह हास्यास्पद है कि जो लोग व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लिए काम करते हैं, वे दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं। अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो उसे न खरीदें।"

उन्होंने कहा, "कोई आपको इसे खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता। यदि यूरोप और अमेरिका खरीदते हैं, तो अगर आपको यह पसंद नहीं है तो इसे न खरीदें।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2022 में बढ़ती तेल कीमतों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता थी।

विदेश मंत्री ने कहा, "उस समय कहा गया था कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना चाहता है तो उसे खरीदने दें, क्योंकि इससे कीमतें स्थिर होंगी।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत तेल की कीमतों को स्थिर करने के लिए तेल खरीद रहा है। हां, यह हमारे राष्ट्रीय हित में है, लेकिन यह वैश्विक हित में भी है।"

इससे पहले, मॉस्को में एक प्रेस वार्ता के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि अमेरिका से भारत की तेल खरीद बढ़ रही है और भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है।

विदेश मंत्री ने मीडिया से कहा, "वह चीन है। हम एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं; वह यूरोपीय संघ है। हम वह देश नहीं हैं, जिसका 2022 के बाद रूस के साथ व्यापार में सबसे बड़ा उछाल आया। मुझे लगता है कि वे दक्षिण में कुछ देश हैं।"

उन्होंने कहा, "हम एक ऐसा देश हैं, जहां अमेरिका पिछले कुछ वर्षों से कह रहा है कि हमें विश्व ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है।"

विदेश मंत्री जयशंकर ने मीडिया को बताया, "संयोग से, हम अमेरिका से भी तेल खरीदते हैं और यह मात्रा बढ़ी है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत को अपनी ऊर्जा नीति में स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए। तेल खरीद से न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत रूस से तेल क्यों खरीदता है?
भारत रूस से तेल खरीदता है क्योंकि इससे कीमतों में स्थिरता आती है, जो राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों हितों के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या अमेरिका भारत पर टैरिफ लगा सकता है?
जी हाँ, अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की तैयारी की है।
क्या भारत ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र निर्णय ले सकता है?
हाँ, विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भारत ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र निर्णय लेना जारी रखेगा।