क्या उद्धव और राज ठाकरे को मराठी मानुष से अधिक परिवार और पावर से प्यार है? - तहसीन पूनावाला

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को मराठी मानुष से कोई सच्चा प्यार नहीं है।
- वे केवल परिवार और पावर के लिए एकजुट हैं।
- बीस सालों में बीएमसी में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ।
- बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया।
- राजनीतिक बयानबाजी के पीछे केवल स्वार्थ है।
पुणे, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) चुनाव, २०२५ से पहले मराठी भाषा विवाद पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे पर तीखा हमला किया।
पूनावाला ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को मीडिया के बंधु अधिक महत्व देते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की जनता उन्हें उतना महत्व नहीं देती। दोनों भाइयों में मराठी मानुष के प्रति कोई सच्चा प्यार नहीं है। उन्हें केवल परिवार और पावर से प्यार है, जिसके कारण वे एकजुट हैं।"
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "बीस साल से बीएमसी ठाकरे परिवार के पास है। इस दौरान उन्होंने वर्ल्ड क्लास अस्पताल क्यों नहीं बनाया? यदि उद्धव ठाकरे को इलाज की आवश्यकता होती है तो वे निजी अस्पताल जाते हैं। वे बीएमसी के अस्पताल क्यों नहीं जाते? जब वे इलाज के लिए जाते हैं, तब डॉक्टर को मराठी कहने के लिए क्यों नहीं कहते? उनके बच्चे अच्छे अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ते हैं। वे बीएमसी के स्कूल में क्यों नहीं जाते? क्या बीएमसी के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को राजनेताओं के बच्चों के लिए उतनी अच्छी शिक्षा मिलती है?"
पूनावाला ने कहा, "ठाकरे परिवार का काम केवल नफरत फैलाना और मारपीट करना है, जबकि मराठी मानुष की भलाई इसमें है कि उनके लिए अच्छे अस्पताल और कॉलेज स्थापित किए जाएं। उन्होंने २० सालों में ऐसा कुछ नहीं किया। क्या वे बीस सालों में सड़क भी बना पाए हैं? जो परिवार पावर के लिए अलग और एक हो रहा है, उसे मराठी मानुष की कोई चिंता नहीं है। वे सिर्फ अपने परिवार के लिए एक हो रहे हैं।"
विपक्ष द्वारा चुनाव आयोग पर कथित तौर पर वोट चोरी का आरोप लगाने पर उन्होंने कहा, "केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कुछ दिन पहले बिहार में थे और बताया कि एसआईआर की प्रक्रिया जरूरी है क्योंकि घुसपैठिए हमारे देश में घुसकर वोट कर रहे हैं। गृहमंत्री को बताना चाहिए कि घुसपैठिए हमारे देश में कैसे आए? उन्होंने वोट कैसे दिया?"
--आईएनएस
एससीएच/केआर