क्या टीएमसी के नेता 'बांग्लादेशी एजेंट' की तरह काम कर रहे हैं? : समिक भट्टाचार्य
सारांश
Key Takeaways
- भट्टाचार्य का आरोप है कि टीएमसी के नेता बांग्लादेशी एजेंट हैं।
- राहुल गांधी को राजनीतिक मुद्दों की समझ नहीं है।
- भाजपा का संदेश 'डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट' है।
- पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का कोई आधार नहीं रहा है।
- ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ जनता में असंतोष है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दल एसआईआर पर चर्चा के मुद्दे को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद समिक भट्टाचार्य ने विपक्ष, विशेष रूप से राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला किया है।
उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक पार्टी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि वे किस मुद्दे पर विरोध कर रहे हैं। विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
भाजपा नेता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मतदाता सूची पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि देश में केवल भारत के नागरिकों को मतदान का अधिकार है। बांग्लादेशियों को वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जा सकता। जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम वोटर लिस्ट में होने का क्या मतलब है?
उन्होंने कहा कि भाजपा का स्पष्ट संदेश है, 'डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट', और इसी आधार पर काम किया जा रहा है।
भट्टाचार्य ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें कोलकाता आकर पश्चिम बंगाल का दौरा करना चाहिए, क्योंकि वे जनता से तो दूर हो ही गए हैं, अब पार्टी कार्यकर्ताओं से भी कटते जा रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का कोई आधार नहीं बचा है और स्थानीय नेता 'वोट चोरी' जैसे स्लोगन के लिए तैयार नहीं हैं।
मस्जिद निर्माण में बाधा आने पर सड़कों पर उतरने की हुमायूं कबीर की चेतावनी पर भट्टाचार्य ने कहा कि जब तक ममता बनर्जी की सरकार है, वे प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन, जनता जल्द ही इस सरकार का विसर्जन कर देगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के कई नेता 'बांग्लादेशी एजेंट' की तरह काम कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल को 'पश्चिम बंगला' बनाने की अंतरराष्ट्रीय साजिश चल रही है।
भट्टाचार्य ने कहा कि यह साजिश केवल बंगाल तक सीमित नहीं, बल्कि बिहार और झारखंड तक फैल चुकी है। उन्होंने देश की जनता से इस खतरे पर गंभीरता से सोचने की अपील की।