क्या उद्धव के मुख्यमंत्री रहते हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी? : कृष्णा हेगड़े

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
- कृष्णा हेगड़े का आरोप है कि मराठी मुद्दा केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा है।
- किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है।
- हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है।
- कांग्रेस पर विदेशी फंडिंग के आरोपों की जांच होनी चाहिए।
मुंबई, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिंदी भाषा के खिलाफ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे शनिवार को मुंबई में एक संयुक्त रैली का आयोजन करेंगे। इस पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते हुए हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की प्रक्रिया आरंभ की गई थी। अब बीएमसी चुनावों में मराठी भाषा को मुद्दा बनाकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
शिवसेना नेता कृष्णा हेगड़े ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते हुए हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जब डॉ. माशेलकर की रिपोर्ट को मंजूरी दी गई। अब वही उद्धव ठाकरे बीएमसी चुनावों में मराठी भाषा को मुद्दा बनाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। मराठी हमारी प्राथमिकता और कार्यस्थल की भाषा है, लेकिन ठाकरे ने मराठी मानुष के लिए 40 वर्षों में क्या किया? बीएमसी की दरें बढ़ाकर मराठी लोगों को मुंबई से बाहर कर दिया। अब मराठी के नाम पर वोट मांगना उनका राजनीतिक दोहरापन दर्शाता है।"
महाराष्ट्र में शक्ति पीठ को लेकर किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि वर्धा से सिंधुदुर्ग और गोवा तक एक्सप्रेसवे का निर्माण एक महत्वपूर्ण विकास कार्य है। इसके लिए सरकार भूमि का अधिग्रहण कर रही है और प्रभावित किसानों को नियमों के अनुसार उचित मुआवजा भी दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना से संबंधित सभी जिलों के किसानों को लाभ मिलेगा, क्षेत्र की आर्थिक उन्नति होगी और व्यापार में वृद्धि होगी। उन्होंने किसानों से सहयोग की अपील की और आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है और उन्हें न्यायपूर्ण मुआवजा मिलेगा, जिससे सभी पक्षों का हित सुनिश्चित होगा।
हेगड़े ने हिमाचल के कैबिनेट मंत्री द्वारा एनएचएआई के प्रबंधक के साथ मारपीट और उसे लहूलुहान करने की घटना की निंदा की है। उन्होंने सुक्खूहिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था ठप हो चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस हमले के पीछे किसी लेन-देन या भ्रष्टाचार का मामला था। राहुल गांधी अच्छे शासन की बात करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी के मंत्री ऐसे कृत्य कर रहे हैं। शिवसेना मांग करती है कि मुख्यमंत्री तुरंत कार्रवाई करें और संबंधित मंत्री से इस्तीफा लें ताकि लोकतांत्रिक मर्यादा बनी रहे।
भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को रूस से फंडिंग होती थी। इस पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा कि सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में अमेरिका से 300 करोड़ रुपये मिले। इससे पहले भी कांग्रेस पर चीन से फंडिंग के आरोप लगे हैं। कांग्रेस विदेशी पैसों से चुनाव लड़ती है और देश विरोधी तत्वों जैसे अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस से राहुल गांधी आज भी संपर्क में हैं।