क्या वंदे मातरम लोगों को एकजुट करने का कार्य करता है? - राज्यवर्धन सिंह राठौड़
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम का उद्देश्य भारत को एकजुट करना है।
- इस कार्यक्रम ने युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत किया।
- प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम ऐतिहासिकता को उजागर करता है।
- बिहार में एनडीए सरकार बनने की संभावना है।
- राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
जयपुर, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शुक्रवार को 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आरंभ किए गए स्मरणोत्सव कार्यक्रम का स्वागत किया।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, "सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के मौके पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की ताकि इसकी ऐतिहासिकता परिलक्षित हो सके।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम ऐतिहासिकता को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका मैं स्वागत करता हूं।
इस विशेष अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का भी आभार व्यक्त किया। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि "मुख्यमंत्री ने इस खास मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें राज्य के युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए।" सभी लोग राष्ट्रभक्ति की भावना से भरे हुए नजर आए, जिसे हम भविष्य के लिए शुभ संकेत मानते हैं।
उन्होंने वंदे मातरम गीत का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य भारत को एकजुट करना है। "इस कार्यक्रम में युवाओं की बड़ी संख्या ने दिखाया कि उनमें देश के प्रति समर्पण और जुनून है।" कुल मिलाकर, यह गीत सभी को एकजुट करने का कार्य करता है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव का भी उल्लेख किया और कहा कि वहां के बुजुर्गों को यह जानने में मदद मिलेगी कि वे कुशासन से कैसे बाहर आए हैं। "पहले जंगलराज और गुंडों के संरक्षण के कारण आम लोगों का जीना मुश्किल था।" उन्होंने कहा कि "आज देश तेजी से विकास कर रहा है, जिसमें बिहार का योगदान अमूल्य है।" बिहार में एनडीए सरकार बनने की संभावना को भी उन्होंने सकारात्मक रूप से देखा।