क्या महात्मा गांधी के आदर्शों को समझने में विपक्ष असफल हो रहा है? : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान
सारांश
Key Takeaways
- महात्मा गांधी के आदर्शों का वर्तमान राजनीति में महत्व।
- चिराग पासवान का विपक्ष पर निशाना।
- शांतिपूर्ण विरोध की आवश्यकता।
- बिहार का राजनीतिक समीकरण।
- सरकार की नीतियों पर विचार।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में 'जी राम जी' बिल के पारित होने के बाद विपक्ष ने लगातार हंगामा मचाया हुआ है। उनका दावा है कि सरकार इस बिल के माध्यम से महात्मा गांधी का नाम मिटाने की कोशिश कर रही है। शुक्रवार को टीएमसी सांसदों ने इसका विरोध किया। इस पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग बापू के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि बापू के आदर्श क्या थे।
चिराग पासवान ने कहा कि बापू के आदर्श यह नहीं थे कि आप कुर्सी का अपमान करें या जब कोई मंत्री भाषण दे रहा हो तो चीजें फेंकें। बापू का आदर्श शांतिपूर्वक विरोध था। लोकतंत्र में आक्रोश व्यक्त करने का मौका दिया गया है। अगर आप शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताते हैं तो हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन, आपको किस नाम से ऐतराज है? 'राम' के नाम से? अंतिम क्षणों में बापू के मुख से 'राम' का नाम निकला था। अगर हम बापू के नाम पर नहीं, बल्कि उनके कार्य पर ध्यान देंगे, तो हम उनके आदर्श पर चल पाएंगे। अन्यथा, सिर्फ राजनीति ही कर पाएंगे।
चिराग ने कहा कि मैंने कभी जात-पात के आधार पर नेताओं के चयन को प्राथमिकता नहीं दी है। मैंने हमेशा काबिलियत पर विश्वास किया है। बिहार में एमवाई समीकरण का क्या हाल था, यह सभी जानते हैं। हमारा समीकरण महिला और युवा है। मुझे गर्व है कि मैं बिहार से हूँ और यहाँ से आने वाले एक युवा नितिन नबीन को देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के नेतृत्व का मौका दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को भगवान राम, उनके अस्तित्व और राम मंदिर के प्रति कभी कोई श्रद्धा नहीं रही। उन्होंने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है। इसलिए, लोग उन्हें उनकी जगह दिखा रहे हैं।
भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि हम भारत के गरीब लोगों के साथ हैं। पीएम मोदी की सरकार लोक कल्याण के लिए कार्य करती रही है और लोगों का पीएम मोदी पर आशीर्वाद है। 19 राज्यों में एनडीए की सरकार है। मनरेगा को 'जी राम जी' में परिवर्तित किया गया, जो एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि 20 साल तक इस योजना में 100 प्रतिशत केंद्र सरकार दे रही थी। अब 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देगी। फेडरल स्ट्रक्चर का सम्मान करना चाहिए।
सांसद किरण चौधरी ने कहा कि जब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं रहता है तो नौटंकी शुरू हो जाती है। टीएमसी के सांसद इसीलिए विरोध जता रहे हैं क्योंकि बंगाल में चुनाव नजदीक हैं और उन्हें अपनी हरकत दिखानी है।
भाजपा सांसद बिप्लब कुमार देव ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या भाजपा को समाजवादी पार्टी चलाएगी? उन्हें पहले अपनी पार्टी संभालनी चाहिए।