क्या विटामिन बी12 की कमी को नजरअंदाज करना सही है? आयुर्वेद से जानें लक्षण और उपाय
सारांश
Key Takeaways
- विटामिन बी12 की कमी एक गंभीर समस्या है।
- आयुर्वेदिक उपायों से इस कमी को पूरा किया जा सकता है।
- पौष्टिक आहार का सेवन आवश्यक है।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है।
- यदि लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विटामिन बी12 की कमी आजकल बहुत सामान्य हो गई है, विशेष रूप से शाकाहारी लोगों में। यह विटामिन शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह रक्त निर्माण, तंत्रिकाओं के स्वास्थ्य और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बनाए रखने में सहायक होता है।
आयुर्वेद में इसे मज्जावर्धक तत्व के रूप में देखा गया है, जो शरीर की ऊर्जा और ओज को बनाए रखता है। यदि बी12 की कमी होती है, तो शरीर में थकान, कमजोरी, याददाश्तमूड स्विंग्स जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
विटामिन बी12 की कमी के अनेक कारण हो सकते हैं। जैसे कि शाकाहारी आहार में इसकी कमी, पाचन तंत्र की कमजोरी, अधिक मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन, या फिर लंबे समय तक कुछ दवाओं का उपयोग करना। इसके अलावा, आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन और नींद की कमी भी बी12 के अवशोषण में बाधा डाल सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार, बी12 की कमी को मज्जा धातु की कमी से जोड़ा गया है, जो शरीर की तंत्रिका शक्ति और मानसिक स्थिरता का आधार है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, आंवला, गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी और ओमेगा-3 युक्त बीज जैसे तिल, सूरजमुखी आदि का सेवन बी12 की कमी को पूरा करने में सहायक होता है। इसके अलावा, दूध, घी और मूंग दाल जैसे पौष्टिक तत्व शरीर को सही संतुलन प्रदान करते हैं।
आधुनिक चिकित्सा में, डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मिथाइलकोबालामिन सप्लीमेंट्स या बी12 इंजेक्शन्स का उपयोग किया जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के साथ इनका संयोजन और भी प्रभावी हो सकता है।
साथ ही, पाचन अग्नि को मजबूत करना आवश्यक है ताकि बी12 का सही अवशोषण हो सके। इसके लिए त्रिफला चूर्ण या हिंगवाष्टक चूर्ण का सेवन लाभकारी है।
इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी आवश्यक है। रोज सुबह धूप में 10-15 मिनट बैठना, चाय और कॉफी का सेवन सीमित करना, नियमित योग और प्राणायाम करना, और पर्याप्त नींद लेना बी12 की कमी को रोकने में मदद कर सकता है।
यदि आपको लगता है कि आपके शरीर में बी12 की कमी हो सकती है, तो आयुर्वेदिक उपायों के साथ डॉक्टर से भी सलाह अवश्य लें।