क्या लाल किला बम ब्लास्ट मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में लाल किले के पास बम धमाका हुआ।
- इसकी जांच एनआईए को सौंपी गई है।
- धमाके में 10 लोगों की मौत हुई है।
- सुरक्षा के लिहाज से अन्य राज्यों की पुलिस भी अलर्ट है।
- कार का मालिकाना हक बदल चुका है।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी में स्थित लाल किले के नजदीक हुए बम धमाके की जांच का जिम्मा अब नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) को सौंपा गया है।
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें कई अधिकारी शामिल थे। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जिम्मेदारी एनआईए को दी जाएगी ताकि स्थिति को साफ किया जा सके।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही कई अन्य लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने इस हमले की जांच के लिए एक टीम बनाई थी, जिसमें 500 से अधिक जवान और अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा, 1000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं ताकि हमले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा सके।
दिल्ली में हुए इस हमले के बाद, अन्य राज्यों की पुलिस भी सुरक्षा व्यवस्था के प्रति जागरूक हो गई है। दिल्ली से सटे राज्यों में आने वाले वाहनों की सघन जांच की जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
सूत्रों के अनुसार, लाल किले के पास धमाके में प्रयुक्त कार फरीदाबाद के सेक्टर 37 में स्थित एक सेकेंड हैंड डीलर से खरीदी गई थी। आई-20 कार सलमान के पास थी, जिसे सोमवार को तुरंत गिरफ्तार किया गया।
जानकारी के अनुसार, कार का मालिकाना हक कई बार बदल चुका है। इसे पहले नदीम को बेचा गया था। इसके बाद फरीदाबाद के सेकेंड हैंड डीलर को। फिर यह गाड़ी आमिर ने खरीदी, उसके बाद तारीक ने, जिसके फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने का संदेह है। अंत में, मोहम्मद उमर ने इसे खरीद लिया था।