क्या मुंबई के लालबागचा राजा में एआई ने भीड़ और अपराध नियंत्रण में सफलता दिलाई?

सारांश
Key Takeaways
- एआई तकनीक का उपयोग भीड़ प्रबंधन में सहायक है।
- फेस रिकग्निशन सिस्टम ने अपराधियों की पहचान में मदद की।
- 10,000 लोगों का डेटा इकट्ठा किया गया।
- अपराधों में कमी आई है।
- भविष्य में इस तकनीक का बड़े स्तर पर उपयोग किया जाएगा।
मुंबई, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गणेशोत्सव के दौरान मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणपति मंडलों में से एक लालबागचा राजा में इस बार सुरक्षा के लिए एक नई तकनीक का सहारा लिया गया। पहली बार मुंबई पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल कर भीड़ और अपराध दोनों को कंट्रोल करने में सफलता हासिल की, जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है।
मुंबई पुलिस की डीसीपी रागसुधा आर. (जोन 4) ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि लालबागचा राजा में 10 दिनों तक लाखों की भीड़ एक सीमित क्षेत्र में उमड़ती है, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना बहुत बड़ी चुनौती होती है। इस बार मुंबई पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर एआई तकनीक का प्रयोग किया गया, जिससे भीड़ प्रबंधन पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया।
इस टेक्नोलॉजी के तहत सीसीटीवी कैमरों को एआई टूल्स से जोड़ा गया, जिससे रियल टाइम में यह जानकारी मिल रही थी कि कितने लोग एंट्री कर रहे हैं, कितने लोग बाहर निकल रहे हैं, और कहां भीड़ ज्यादा हो रही है। जैसे ही किसी इलाके में भीड़ बढ़ने लगती, तुरंत मौके पर तैनात पुलिस टीम को अलर्ट भेजा जाता और वहां व्यवस्था को संभाल लिया जाता।
डीसीपी रागसुधा आर. ने बताया कि यह तकनीक केवल भीड़ नियंत्रण तक सीमित नहीं रही, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी इसने बड़ी भूमिका निभाई। फेस रिकग्निशन सिस्टम के जरिए पुराने रिकॉर्ड वाले अपराधियों की पहचान की गई। इसके कारण मोबाइल चोरी, चेन स्नैचिंग जैसे अपराधों में इस बार बड़ी गिरावट देखने को मिली।
पुलिस ने 10 दिनों के दौरान करीब 10,000 लोगों का डेटा इकट्ठा किया, जिसकी मदद से एक केस में आरोपी तक सीधा पहुंच बना ली गई। यह टेक्नोलॉजी अभी एक्सपेरिमेंटल लेवल पर इस्तेमाल की गई थी, लेकिन इसके परिणाम इतने अच्छे रहे कि पुलिस अब इसे भविष्य में बड़े स्तर पर लागू करने की योजना बना रही है।
डीसीपी ने कहा, "हमने पहली बार एआई का इस्तेमाल किया और इसका असर साफ नजर आया। रियल टाइम डेटा से हमें तुरंत स्थिति की जानकारी मिल रही थी। भीड़ और अपराध दोनों पर नियंत्रण रखने में यह बेहद उपयोगी रहा।"