क्या लालू यादव बिहार चुनाव से पहले सक्रिय हो गए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- लालू यादव की आरा यात्रा चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
- भाजपा ने उनकी सक्रियता पर सवाल उठाए हैं।
- बिहार में राजनीतिक माहौल में तेजी आ रही है।
- राजद और भाजपा के बीच टकराव बढ़ सकता है।
- लालू यादव की वापसी राजनीतिक बदलाव का प्रतीक है।
पटना, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सक्रिय हो गए हैं। पहले वे केवल सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बातें रख रहे थे, लेकिन अब उन्होंने जमीनी स्तर पर अपनी पार्टी को मजबूत करने की योजना बनाई है। इस कार्यवाही की शुरुआत उन्होंने बिहार के आरा से की है। उन्होंने आरा में पूर्व विधायक अरुण यादव के पिता की दूसरी पुण्यतिथि पर आयोजित सभा में भाग लिया।
लालू प्रसाद यादव ने शनिवार सुबह अपनी वैनिटी वैन से पटना से आरा की यात्रा की। आरा में, वे अरुण यादव के घर पहुंचे, जो इस क्षेत्र में पार्टी के एक प्रमुख चेहरे माने जाते हैं। यहाँ, लालू प्रसाद यादव राजद के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसलिए इसे केवल एक साधारण यात्रा नहीं माना जा रहा, बल्कि यह चुनावी रणनीति की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी भी लालू यादव की चुनावी यात्रा पर हमलावर हो गई है। भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि लालू यादव स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने कहा, "हमारी शुभकामनाएं उनके ठीक होने के लिए हैं, लेकिन यदि वह चुनाव में सक्रिय हैं, तो इस पर सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।"
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा, "गांधी परिवार खुद को सिस्टम से ऊपर मानता है, जबकि लालू परिवार खुद को एक सिस्टम मानता है। 'बिहार के लोग मेरे गुलाम हैं,' यही एकाधिकारवादी मानसिकता है, जिसे जनता समाप्त कर रही है। लालू परिवार का प्रभाव खत्म हो चुका है और गांधी परिवार में अभी भी थोड़ी ऊर्जा बची है, जो बिहार चुनाव में भी समाप्त हो जाएगी।"
उन्होंने कहा कि बिहार ने हमेशा नई राह दिखाई है। विपक्ष ने एसआईआर पर बिहार से ही हंगामा शुरू किया है, लेकिन यही राज्य एसआईआर पर पूरे देश को फिर से राह दिखाएगा।