क्या भारतीय नौसेना के जहाज फ्रांस और मॉरीशस पहुंचे?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय नौसेना के जहाजों की लंबी दूरी की तैनाती.
- संयुक्त अभ्यास से भारत और फ्रांस का सहयोग बढ़ेगा।
- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए नौसैनिक साझेदारी.
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
- समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उपाय।
नई दिल्ली, १० सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना के फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन के समुद्री जहाज फ्रांस के ला रियूनियन और मॉरीशस के पोर्ट लुई पहुंचे हैं। इस नौसैनिक बेड़े में आईएनएस तीर और आईएनएस शार्दूल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय तटरक्षक दल का समुद्री जहाज आईसीजीएस सारथी भी इस अभियान का हिस्सा है।
भारतीय नौसेना के अनुसार, ये भारतीय समुद्री जहाज अपनी लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती के तहत दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र में ला रियूनियन और पोर्ट लुई, मॉरीशस पहुंचे हैं।
भारतीय नौसेना ने बताया कि आईएनएस तीर और आईसीजीएस सारथी फ्रांस में सहभागिता के लिए ला रियूनियन पहुंचे। यहां पहुंचने पर भारतीय समुद्री जहाजों का स्वागत फ्रांसीसी नौसेना के जहाज एफएस निवोज ने किया।
इस अवसर पर दोनों नौसेनाओं के बीच पासेक्स एक्सरसाइज आयोजित की गई। नौसेना ने इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए बुधवार को बताया कि यात्रा के दौरान विभिन्न पेशेवर और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें क्रॉस-ट्रेनिंग विजिट्स, संयुक्त गोताखोरी अभ्यास, योग सत्र और खेल प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य भारत–फ्रांस नौसैनिक साझेदारी को और सुदृढ़ करना है।
नौसेना के फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन के वरिष्ठ अधिकारी ने फ्रांसीसी नौसैनिक अड्डे के कमांडर से भी भेंट की। वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के बीच हुई चर्चाओं का केंद्र क्षेत्रीय सुरक्षा रहा। इसके अलावा, दोनों देशों के नौसैनिक अधिकारियों ने भविष्य के संयुक्त अभ्यासों की संभावनाएं और समुद्री सहयोग को और गहरा करने के उपाय पर चर्चा की है।
वहीं मॉरीशस के पोर्ट लुई में भारतीय और मॉरीशस की नौसेना द्वारा संयुक्त गश्त की गई है। दरअसल, जब फ्रांस में यह संयुक्त गतिविधियां हो रही हैं, ठीक इसी समय आईएनएस शार्दूल पोर्ट लुई (मॉरीशस) पहुंचा। यहां आगमन से पूर्व भारतीय नौसैनिक जहाज शार्दूल ने मॉरीशस तटरक्षक जहाज एमसीजीएस विक्टरी और तटरक्षक डॉर्नियर विमान के साथ संयुक्त गश्त एवं विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की निगरानी संचालित की।
पोर्ट कॉल के दौरान आईएनएस शार्दूल के कमांडिंग ऑफिसर ने मॉरीशस के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस आयुक्त, राष्ट्रीय तटरक्षक कमांडेंट और गृह मंत्रालय के सचिव से मुलाकात की। इस अवसर पर भारत और मॉरीशस के बीच विश्वास, पेशेवर सहयोग और सांस्कृतिक रिश्तों की मजबूती को दोहराया गया।
नौसेना के मुताबिक, मॉरीशस में राष्ट्रीय तटरक्षक के साथ कई संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास निर्धारित हैं। इनमें गोताखोरी अभियान, अग्निशामक, क्षति नियंत्रण और जहाज पर प्रशिक्षण आदि शामिल हैं। साथ ही, जनसंपर्क गतिविधियां, योग सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मैत्रीपूर्ण खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी, जिससे लोगों और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंध और आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
क्रॉस-डेक विजिट्स, स्कूल टूर और ओपन-शिप कार्यक्रम भी होंगे, जिससे आम नागरिकों को नौसैनिक जीवन और भारतीय नौसेना की भूमिका का अनुभव मिल सकेगा। ला रियूनियन और मॉरीशस में भारतीय समुद्री जहाजों की यह समवर्ती तैनाती भारत की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह मित्र देशों के साथ दोस्ती, पेशेवर आदान-प्रदान और समुद्री सहयोग को निरंतर सुदृढ़ करता रहेगा। यह तैनाती क्षेत्रीय स्थिरता, अंतर-संचालन क्षमता और निकट सहयोग की साझा आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है। यह परिकल्पना भारतीय नौसेना की ‘महासागर’ दृष्टि के अनुरूप है।