क्या सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया?

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क्या सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया?

सारांश

लेह की हालिया हिंसा के संदर्भ में, पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने उग्र प्रदर्शनों को भड़काने में भूमिका निभाई। इस घटनाक्रम ने क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को भी प्रभावित किया है। जानें इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
  • लेह में इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है।
  • कर्फ्यू लागू किया गया है।
  • वांगचुक ने आरोपों का खंडन किया है।
  • स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की।

लेह, २६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लेह में हुई हिंसा के तीन दिन बाद, शुक्रवार को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। ऐसे हालात को देखते हुए इंटरनेट सेवा को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है।

लेह पुलिस के अनुसार, २४ सितंबर को प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में सोनम वांगचुक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।

१० सितंबर को वांगचुक ने लेह शहर में क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए अनशन शुरू किया था। उन्होंने २४ सितंबर को अपना अनशन तब समाप्त किया जब शहर में व्यापक हिंसा शुरू हो गई।

२४ सितंबर को, अनियंत्रित भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और सीआरपीएफ के एक वाहन में आग लगा दी। इसके अलावा, भाजपा कार्यालय और लेह की प्रमुख संस्था के कार्यालय में भी आगजनी की गई और लद्दाख के डीजीपी के वाहन को भी प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और लगभग ७० लोग घायल हुए।

कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों ने लेह शहर में कर्फ्यू लागू किया। गुरुवार को कारगिल शहर में भी कर्फ्यू लगाया गया। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।

गृह मंत्रालय ने एफसीआरए अधिनियम के उल्लंघन के लिए स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) के संस्थापक सोनम वांगचुक का एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया।

इसी बीच, २०१८ में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीतने वाले वांगचुक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनके गैर-लाभकारी संगठन ने विदेशी चंदा नहीं लिया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र, स्विस और इतालवी संगठनों के साथ व्यापारिक लेन-देन किए हैं और सभी करों का भुगतान किया है।

वांगचुक ने कहा, "केंद्र सरकार ने इसे विदेशी चंदा समझ लिया। मैं इसे उनकी एक गलती मानता हूं और इसलिए मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है।"

पुलिस ने कुछ नेपाली नागरिकों और जम्मू क्षेत्र के डोडा शहर के लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है जो हिंसा में शामिल थे। अब वे सुरक्षा बलों की कार्रवाई में लगी चोटों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं।

२०१९ में जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, तो केंद्र के इस फैसले का व्यापक स्वागत हुआ था और सोनम वांगचुक उस स्वागत अभियान में सबसे आगे थे। बाद में, उन्होंने छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा और अन्य मांगों के लिए केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल का नेतृत्व किया। केंद्र सरकार का मानना है कि लद्दाख के एक बहुत ही शांतिपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हिंसा स्वतःस्फूर्त नहीं हुई है, बल्कि इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए बाहरी तत्वों ने उकसाया है।

Point of View

बल्कि यह बाहरी तत्वों की गतिविधियों का भी संकेत देती है। हमें सभी पक्षों की बात सुननी होगी और शांति की दिशा में कदम उठाने होंगे।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

सोनम वांगचुक को क्यों गिरफ्तार किया गया?
सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो २४ सितंबर को लेह में हुई थी।
लेह में इंटरनेट सेवा क्यों बंद की गई?
लेह में हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इंटरनेट सेवा को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया।
क्या सोनम वांगचुक पर लगे आरोप सही हैं?
सोनम वांगचुक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है और उन्होंने कहा है कि उनका संगठन विदेशी चंदा नहीं लेता।
क्या लेह में कर्फ्यू लगाया गया है?
हाँ, लेह शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है।
इंटरनेट बंद होने से क्या प्रभाव पड़ेगा?
इंटरनेट बंद होने से लोगों की सूचना के अधिकार और संवाद में बाधा उत्पन्न होगी, जो स्थिति को और बिगाड़ सकता है।