क्या एलजी सक्सेना ने रिठाला-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के लिए डीएमआरसी को भूमि आवंटित करने की मंजूरी दी?

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क्या एलजी सक्सेना ने रिठाला-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के लिए डीएमआरसी को भूमि आवंटित करने की मंजूरी दी?

सारांश

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेट्रो फेज-IV के तहत रिठाला-बावाना-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के लिए डीएमआरसी को जल बोर्ड की भूमि आवंटित करने की मंजूरी दी है। यह निर्णय महत्वपूर्ण मेट्रो प्रोजेक्ट में तेजी लाएगा। जानिए इस फैसले का क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा!

Key Takeaways

  • डीएमआरसी को भूमि आवंटन से मेट्रो प्रोजेक्ट में तेजी आएगी।
  • नरेला क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • यह फैसला पूर्व सरकार के कार्यकाल में लंबित था।
  • डीएमआरसी को जल बोर्ड को 75 लाख 50 हजार 353 रुपये का भुगतान करना होगा।
  • रिठाला-कुंडली कॉरिडोर में 21 ऊंचे स्टेशन होंगे।

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेट्रो फेज-IV के अंतर्गत रिठाला-बावाना-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा समाप्त कर दी है। उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को दिल्ली जल बोर्ड की भूमि आवंटित करने की मंजूरी दी है। यह भूमि रिठाला से रोहिणी सेक्टर 25 तक वायाडक्ट निर्माण के लिए आवश्यक थी। इस निर्णय से इस महत्वपूर्ण मेट्रो प्रोजेक्ट में तेजी आएगी जो लंबे समय से रुका हुआ था।

यह मामला पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार के शासनकाल में कई वर्षों से लंबित था। अब उपराज्यपाल की स्वीकृति के बाद, दिल्ली जल बोर्ड रिठाला स्थित अपने एसटीपी में 50 वर्ग मीटर भूमि को डीएमआरसी को 99 वर्षों की स्थायी लीज पर देगा। इसके अलावा, वायाडक्ट निर्माण के लिए 1286 वर्ग मीटर भूमि चार वर्षों के लिए अस्थायी रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।

नियमों के अनुसार, डीएमआरसी जल बोर्ड को कुल 75 लाख 50 हजार 353 रुपये का भुगतान करेगा। इसमें स्थायी भूमि के लिए 12 लाख 28 हजार 937 रुपये और अस्थायी भूमि के लिए 63 लाख 21 हजार 416 रुपये शामिल हैं। डीएमआरसी इस भूमि का उपयोग केवल मेट्रो निर्माण के लिए ही करेगा।

इस निर्णय से न केवल बहुप्रतीक्षित मेट्रो लाइन का काम तेज होगा, बल्कि नरेला क्षेत्र के विकास को भी एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। नरेला को एक शिक्षा केंद्र, प्रमुख आवासीय क्षेत्र और खेल हब के रूप में विकसित करने की योजनाएं अब तेजी से आगे बढ़ सकेंगी। इसके साथ ही क्षेत्र में अन्य सुविधाएं भी बेहतर होंगी।

रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस कॉरिडोर में 21 ऊंचे स्टेशन होंगे, जो उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रोहिणी, बावाना और नरेला जैसे क्षेत्रों में यातायात और प्रदूषण को काफी कम करेंगे। औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों तक बेहतर पहुंच मिलने से आर्थिक विकास को बल मिलेगा। यह लाइन रेड लाइन मेट्रो नेटवर्क से जुड़ेगी, जिससे पूरे एनसीआर में यात्रा करना आसान और निर्बाध हो जाएगा। खासकर सीमावर्ती और कम सुविधाओं वाले क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों को सार्वजनिक परिवहन की बेहतर सुविधा मिलेगी।

Point of View

बल्कि यह नरेला क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उपराज्यपाल का यह कदम दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा, जो कि वर्तमान समय की आवश्यकता है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

डीएमआरसी को भूमि आवंटित करने का निर्णय क्यों लिया गया?
यह निर्णय मेट्रो फेज-IV के अंतर्गत रिठाला-बावाना-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के विकास के लिए आवश्यक था।
भूमि आवंटन से नरेला क्षेत्र को कैसे लाभ होगा?
इससे नरेला को एक प्रमुख आवासीय और शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।
इस फैसले के तहत डीएमआरसी को कितना भुगतान करना होगा?
डीएमआरसी को कुल 75 लाख 50 हजार 353 रुपये का भुगतान करना होगा।
क्या यह परियोजना पहले से लंबित थी?
हाँ, यह मामला पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में कई वर्षों से लंबित था।
रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर में कितने स्टेशन होंगे?
इस कॉरिडोर में 21 ऊंचे स्टेशन होंगे।
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