क्या जम्मू-कश्मीर के लिडवास इलाके में 'ऑपरेशन महादेव' ने सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता दिलाई?

सारांश
Key Takeaways
- लिडवास में तीन आतंकियों का ढेर होना सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता है।
- ऑपरेशन महादेव आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
- मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने **सटीक रणनीति** का उपयोग किया।
- आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए आतंकवाद का समापन आवश्यक है।
- सरकारी नीति सुरक्षा बलों का समर्थन करती है।
श्रीनगर, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के लिडवास क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षाबलों ने आतंकवाद विरोधी अभियान में अद्भुत सफलता हासिल की है। सेना के जवानों ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत तीन आतंकियों को मार गिराया है। यह मुठभेड़ लिडवास में हुई, जहाँ सेना ने आतंकियों को घेरकर उन्हें समाप्त कर दिया।
ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी सेना की चिनार कॉर्प्स ने अपने एक्स हैंडल पर साझा की। उन्होंने लिखा, ऑपरेशन महादेव: लिडवास क्षेत्र में आतंकियों से संपर्क स्थापित किया गया है और अभियान जारी है।
कुछ समय बाद, चिनार कॉर्प्स ने एक अन्य पोस्ट में बताया कि मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया है और अभियान अभी भी जारी है।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, खुफिया सूचना के आधार पर लिडवास क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इस दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जो कई घंटों तक चली। इस मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराने में सुरक्षाबलों को सफलता मिली। वर्तमान में क्षेत्र में खोजी अभियान जारी है।
'ऑपरेशन महादेव' को हाल के समय में घाटी में आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी रणनीतिक सफलता माना जा रहा है। यह अभियान इस बात का संकेत है कि सेना और अन्य सुरक्षाबल आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए पूर्ण तत्परता और सटीक रणनीति के साथ जुटे हुए हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद से आतंकवाद-रोधी अभियान आतंकवादियों के नापाक इरादों को विफल करने के लिए उन्नत तकनीक और मानव खुफिया जानकारी का उपयोग कर रहा है।
पहलगाम में हुए इस जघन्य आतंकवादी हमले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले का प्रतिशोध लेने के लिए सशस्त्र बलों को खुली छूट दे दी। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हमले करके नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया।