क्या उपराष्ट्रपति ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी?

सारांश
Key Takeaways
- जयप्रकाश नारायण का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण रहा।
- उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र और न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सराहा।
- आपातकाल के दौरान उन्होंने सत्तावाद के खिलाफ जन आंदोलन किया।
- उनकी विचारधारा आज भी देश को प्रेरित करती है।
- बातचीत में विदेश नीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया गया।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को संविधान सदन में भारत रत्न लोक नायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उपराष्ट्रपति ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर, मैं उस दूरदर्शी व्यक्ति को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने अपना जीवन लोकतंत्र और न्याय के लिए समर्पित कर दिया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाद में सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और जन सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक के रूप में उभरे।"
उन्होंने आगे लिखा, "आपातकाल के दौरान, उन्होंने सत्तावाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक जन आंदोलन का नेतृत्व किया और 'संपूर्ण क्रांति' का आह्वान किया, जिसने लाखों लोगों को लोकतंत्र, नागरिक स्वतंत्रता और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। मुझे उन्नीस वर्ष की आयु में उनके संपूर्ण क्रांति के आह्वान में शामिल होने और पूरे जोश के साथ इसमें भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके आदर्श हमें सत्य और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। उनके विचार हमारे राष्ट्र का मार्गदर्शन करते रहें।"
वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने उपराष्ट्रपति से संसद भवन में मुलाकात की। यह मुलाकात शिष्टाचार भेंट के रूप में हुई। हालांकि यह एक औपचारिक भेंट थी, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें राज्य के विकास, प्रशासन और अन्य समसामयिक विषयों पर सामान्य चर्चा हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, यह भेंट सौहार्द्रपूर्ण माहौल में हुई, जहां देश की विदेश नीति, वैश्विक कूटनीति और भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर आपसी विचार-विमर्श किया गया।
डॉ. जयशंकर, जो भारत के प्रमुख कूटनीतिज्ञों में गिने जाते हैं, अक्सर विदेशों में भारत की छवि और हितों की मजबूती से रक्षा करते हैं। उपराष्ट्रपति से उनकी यह मुलाकात भी देश के हितों और भविष्य की कूटनीतिक रणनीतियों पर चर्चा की दृष्टि से अहम मानी जा रही है।