क्या लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अपील से सभी दलों में सहयोग बढ़ेगा?

सारांश
Key Takeaways
- मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा।
- ओम बिरला ने सभी दलों से सहयोग की अपील की है।
- सत्र में 21 बैठकें होंगी।
- विपक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेगा।
- सरकार 8 विधेयक पेश करने की तैयारी में है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ होने जा रहा है। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों से एक महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के माध्यम से अनुरोध किया है कि सभी दल सदन को सुसंगत रूप से चलाने और रचनात्मक चर्चा में सहयोग करें।
उन्होंने कहा, “18वीं लोक सभा का पांचवां सत्र (मानसून सत्र) प्रारंभ हो रहा है। लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में जनाकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय हितों के संरक्षण हेतु सभी प्रतिनिधियों की सामूहिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा, “इस सत्र से पूर्व मैं सभी दलों के नेताओं और सदस्यों से अनुरोध करता हूँ कि वे सदन के सुचारू संचालन, रचनात्मक विमर्श और स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद में अपना सहयोग दें। इससे हम समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति के लिए ठोस कदम उठा सकेंगे।”
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह मानसून सत्र लोकतंत्र की गरिमा, संसद की प्रतिष्ठा और जनहित के मूल्यों को समर्पित होगा, जिससे हम सब मिलकर लोकतांत्रिक चेतना, विविधता में एकता और संविधानिक मूल्यों को सशक्त कर सकेंगे।
संसद का यह मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सत्र प्रारंभ होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद को संबोधित करेंगे। यह सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा और इसमें 32 दिन की अवधि में 21 बैठकें होंगी।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए संसद के दोनों सदन 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रहेंगे। इसके बाद 18 अगस्त को सत्र फिर से शुरू होगा। विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार से उत्तर की मांग कर रहा है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण ऑपरेशन सिंदूर है। यह बहस 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर होगी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर बयान देने की मांग की है और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच शांति मध्यस्थता के बार-बार किए गए दावों पर भी उत्तर मांगा है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता और समय को लेकर चिंता जताते हुए सरकार पर आगामी राज्य चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया है।
इस सत्र के दौरान सरकार 8 महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है, जिनमें जीएसटी सुधार, टैक्सेशन कानून, सार्वजनिक विश्वास नियमन, खेल प्रशासन, बंदरगाह और खनिज एवं भू-विरासत स्थलों के संरक्षण से संबंधित प्रस्तावित कानून शामिल हैं।