क्या लखनऊ एयरपोर्ट पर मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- सीआईएसएफ द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल सुरक्षा तैयारियों का महत्वपूर्ण मूल्यांकन है।
- विभिन्न एजेंसियों के बीच संयुक्त प्रतिक्रिया को मजबूत करने का प्रयास।
- आपातकालीन स्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना।
- सुरक्षा तंत्र की प्रभावशीलता को प्रमाणित करने वाला अभ्यास।
- भविष्य में ऐसे अधिक अभ्यासों की योजना।
लखनऊ, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लखनऊ एयरपोर्ट पर सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने और आपातकालीन स्थितियों में संयुक्त प्रतिक्रिया तंत्र को परखने के लिए सोमवार को एक बम धमकी के परिदृश्य पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। सीआईएसएफ ने विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर इस मॉक ड्रिल के माध्यम से तैयारियों की जाँच की।
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को बढ़ाना, तैयारियों का मूल्यांकन करना और संभावित सुरक्षा चुनौतियों के दौरान त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था। अभ्यास के दौरान, बम खतरे की काल्पनिक सूचना मिलने पर एजेंसियों ने वास्तविक परिस्थिति की तरह प्रतिक्रिया देते हुए पूरे ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
अभ्यास में सीआईएसएफ, बीडीडीएस, बीसीएएस, एलआईएएल, स्थानीय पुलिस, आईबी, एयरलाइंस, एआरएफएफ और मेडिकल टीमों ने भाग लिया। सभी इकाइयों ने आपसी तालमेल से अपनी-अपनी भूमिका निभाई, जिससे एक समन्वित और सशक्त प्रतिक्रिया प्रणाली की पुष्टि हुई। इस ड्रिल के बाद अधिकारियों ने बताया कि सभी एजेंसियों ने निर्धारित समय-सीमा और एसओपी के अनुसार बेहतरीन प्रदर्शन किया और सुरक्षा तंत्र की प्रभावशीलता को प्रमाणित किया।
सीआईएसएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मॉक ड्रिल की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "बम के खतरे के हालात पर मॉक एक्सरसाइज। सीआईएसएफ ने खास स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर, लखनऊ एयरपोर्ट पर सालाना बम के खतरे पर मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया ताकि ऑपरेशनल तैयारी का मूल्यांकन किया जा सके, तालमेल बढ़ाया जा सके और सभी एजेंसियों के बीच जॉइंट रिस्पॉन्स सिस्टम को मजबूत किया जा सके। इस एक्सरसाइज से सीआईएसएफ, बीडीडीएस, बीसीएएस, एलआईएएल, स्थानीय पुलिस, आईबी, एयरलाइंस, एआरएफएफ और मेडिकल टीमों के बीच बिना रुकावट सहयोग पक्का हुआ, जिससे एक सुरक्षित और सुरक्षित एविएशन माहौल बनाए रखने के हमारे मिलकर किए गए कमिटमेंट को और पक्का किया गया।"
इससे पहले, २२ नवंबर को जम्मू एयरपोर्ट पर भी सीआईएसएफ के नेतृत्व में मल्टी-एजेंसी मॉक आयोजित की गई थी। इस ड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान तत्परता एवं स्टेकहोल्डर्स के बीच समन्वय का आकलन करना था। अभ्यास में सीआईएसएफ, एसओजी-जेकेपी, आईएएफ, एएआई, जेके फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज, जीएमसी मेडिकल टीम, एएआई फायर सर्विसेज, बीडीडीएस और डॉग स्क्वॉड सहित कई अन्य एजेंसियों ने भाग लिया। सभी टीमों की सक्रिय भागीदारी ने इंटर-एजेंसी तालमेल एवं ऑपरेशनल दक्षता को दर्शाया।
सीआईएसएफ का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए उच्च स्तरीय तत्परता बनाए रखना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है और भविष्य में भी ऐसे अभ्यास जारी रहेंगे ताकि हवाई अड्डों पर सुरक्षित, सुव्यवस्थित और समन्वित संचालन सुनिश्चित किया जा सके।