क्या लखनऊ की साइबर क्राइम सेल की कार्रवाई से ऑनलाइन ठगी में कमी आएगी?

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क्या लखनऊ की साइबर क्राइम सेल की कार्रवाई से ऑनलाइन ठगी में कमी आएगी?

सारांश

लखनऊ की साइबर क्राइम सेल ने ऑनलाइन ठगी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक बैंक का डिप्टी ब्रांच मैनेजर भी शामिल है। इस गिरोह ने करोड़ों रुपए की ठगी की है। जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • लखनऊ की साइबर क्राइम सेल ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
  • गिरोह ने करोड़ों रुपए की साइबर ठगी की है।
  • साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता जरूरी है।

लखनऊ, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लखनऊ की साइबर क्राइम सेल और साइबर थाना की संयुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। इस टीम ने फर्जी कंपनियों के माध्यम से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक इंडसइंड बैंक का डिप्टी ब्रांच मैनेजर भी है।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम उत्तम विश्वास, उमाकांत वर्मा और राजीव विश्वास हैं। ये सभी मिलकर देश के विभिन्न राज्यों में ऑनलाइन ठगी के पैसे को फर्जी फर्मों के खातों में ट्रांसफर करते थे।

पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि उमाकांत और राजीव विश्वास अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। तुरंत कार्रवाई करते हुए, टीम ने उन्हें पकड़ लिया।

पूछताछ में उमाकांत ने बताया कि वे अपनी फर्जी फर्म आकाश रियल एस्टेट एंड डेवलपर्स प्रा. लि. के नाम से खाता खोलने की योजना बना रहे थे। उसने स्वीकार किया कि वह असल में रियल एस्टेट का कार्य नहीं करता, बल्कि विभिन्न नामों से फर्जी फर्में बनाकर कई बैंकों में खाते खुलवाता है, जिनके माध्यम से करोड़ों रुपए की साइबर ठगी की जाती है।

उमाकांत ने बताया कि इस पूरे नेटवर्क में उत्तम विश्वास, जो इंडसइंड बैंक चिनहट, लखनऊ में डिप्टी ब्रांच मैनेजर हैं, सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। उसने कहा कि अब तक ठगी की रकम में से लगभग 20 करोड़ रुपए में से 10-20 प्रतिशत कमीशन के रूप में उत्तम विश्वास को दिए गए हैं, जिनमें से 1 लाख गूगल पे से तथा 7-8 लाख नकद दिए गए।

उक्त सूचना के आधार पर टीम ने कुर्सी रोड स्थित किरन एन्क्लेव पहुंचकर उत्तम विश्वास को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम उत्तम कुमार विश्वास, पुत्र सुभाष कुमार विश्वास (उम्र 44 वर्ष) निवासी 843, किरन एन्क्लेव, थाना गुडम्बा, लखनऊ बताया और अपराध में संलिप्तता स्वीकार की।

अब तक की जांच में पता चला है कि केवल तीन खातों के माध्यम से लगभग छह करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है और इस गिरोह ने दस फर्जी फर्मों के नाम पर खाते खुलवाए थे। बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा समेत सात राज्यों में 40 से ज्यादा साइबर ठगी के मामलों में इन खातों का उपयोग किया गया है।

पुलिस ने तीनों के कब्जे से 30,000 नकद, छह एटीएम कार्ड, पांच मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किए हैं। फिलहाल, तीनों के खिलाफ साइबर थाना लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच जारी है।

Point of View

NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

साइबर ठगी के तरीके क्या हैं?
साइबर ठगी के कई तरीके होते हैं, जैसे फर्जी कंपनियों का निर्माण, ऑनलाइन धोखाधड़ी, और व्यक्तिगत जानकारी चुराना।
लखनऊ में साइबर क्राइम सेल की भूमिका क्या है?
लखनऊ की साइबर क्राइम सेल साइबर अपराधों की रोकथाम और जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
क्या साइबर ठगी से बचने के उपाय हैं?
साइबर ठगी से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें, व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें और सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करें।