क्या लखनऊ में कोडीन सिरप मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- अमित कुमार सिंह को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया।
- कोडीन सिरप की तस्करी का मामला बांग्लादेश और नेपाल तक फैला हुआ है।
- शुभम जायसवाल और उसके पिता फरार हैं।
- गिरफ्तारी के दौरान 5 लाख रुपये का निवेश और 22 लाख रुपये का लाभ हुआ।
- नशे के लिए कोडीन का दुरुपयोग गंभीर समस्या है।
लखनऊ, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लखनऊ एसटीएफ ने अमित कुमार सिंह जिसे अमित टाटा के नाम से भी जाना जाता है, को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गोमतीनगर के ग्वारी चौराहे से की गई।
पूछताछ के दौरान, अमित कुमार सिंह ने बताया कि वह विकास सिंह के माध्यम से शुभम जायसवाल से मिला था। शुभम जायसवाल का एबॉट कंपनी की फेन्सेडिल कफ सिरप का बड़ा कारोबार शैली ट्रेडर्स के नाम से रांची, झारखंड में है।
नशे के उद्देश्य से कोडीन युक्त फेन्सेडिल कफ सिरप से देवकृपा मेडिकल एजेंसी बनाई गई, जिसमें अमित टाटा ने 5 लाख रुपये का निवेश किया। इसके बदले में उसे 22 लाख रुपये का लाभ मिला। अमित ने बनारस में भी ड्रग लाइसेंस लेकर एक फर्म खोली।
अमित कुमार सिंह की फर्म ‘श्री मेडिकल’ का सारा लेन-देन शुभम जायसवाल और उसके साथियों द्वारा नियंत्रित किया जाता था। शुभम ने एबॉट कंपनी के अधिकारियों से मिलकर 100 करोड़ से अधिक का कफ सिरप खरीदा, जिसमें से अधिकांश सिरप फर्जी बिल के माध्यम से तस्करी की गई।
जब रांची और गाजियाबाद में पुलिस और एसटीएफ ने उसके गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया, तो शुभम अपने परिवार के साथ दुबई भाग गया। बताया जा रहा है कि वह एक ऐप के माध्यम से संपर्क में है।
हाल ही में मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में भी छापेमारी की गई। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनसे महत्वपूर्ण जानकारी मिली। इसी दौरान वाराणसी के व्यापारी शुभम का नाम सामने आया।
शुभम के पिता भोला प्रसाद का नाम भी सामने आया है। दोनों फरार हैं। जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद और वाराणसी में गोदाम बनाकर इस कफ सिरप की सप्लाई यूपी से झारखंड, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश और बिहार से नेपाल की जा रही थी।