क्या मां दुर्गा के मंत्र भय दूर करने से लेकर सौभाग्य देने तक की साधना है?

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क्या मां दुर्गा के मंत्र भय दूर करने से लेकर सौभाग्य देने तक की साधना है?

सारांश

नवरात्र का पर्व शक्ति और साधना का प्रतीक है। मां दुर्गा की आराधना में मंत्र जाप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और साहस का संचार होता है। आइए, जानें इन शक्तिशाली मंत्रों का महत्व और उनकी साधना के लाभ।

Key Takeaways

  • मंत्र जाप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • नवरात्रि में साधना का महत्व है।
  • भय और नकारात्मकता दूर होती है।
  • साधना से आत्मबल में वृद्धि होती है।
  • विज्ञान भी मंत्रों के प्रभाव को मानता है।

नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्र एक ऐसा महोत्सव है जो शक्ति, साधना और भक्ति का प्रतीक है, जहाँ हमारे सांस्कृतिक परंपराओं की पवित्रता झलकती है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इन नौ दिनों में किए गए मंत्र जाप और साधना साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, साहस और सफलता का संचार करते हैं। मंत्र केवल ध्वनि नहीं होते, बल्कि इन्हें स्पंदन और कंपन की शक्ति भी माना जाता है, जो साधक के मन, शरीर और आत्मा को प्रभावित करते हैं।

वैदिक परंपरा के अनुसार, जब श्रद्धा और विश्वास के साथ एकाग्रता से मंत्र का उच्चारण किया जाता है, तो यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़कर हमारी आंतरिक शक्ति को जागृत करता है। नवरात्रि में देवी के मंत्र विशेष रूप से प्रभावी माने जाते हैं, क्योंकि यह समय शक्ति साधना का पर्व है। इन मंत्रों से भय दूर होता है, आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और नकारात्मक ऊर्जा का क्षय होता है।

नवरात्रि के दौरान प्रसिद्ध मंत्रों में से एक है "ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।" इसे चामुंडा मंत्र कहा जाता है, और यह मान्यता है कि इसके जाप से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, रोगों से मुक्ति मिलती है और अदम्य साहस प्राप्त होता है। इसी तरह "ओम दुं दुर्गायै नमः" मंत्र साधक के जीवन से दुख और संकट को दूर करने वाला माना जाता है, जो मानसिक शांति और आत्मबल प्रदान करता है।

"ओम देवी दुर्गायै नमः" एक सरल मंत्र है, जिसका नियमित जाप जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। वहीं "ओम क्लीं कात्यायन्यै नमः" मंत्र विवाह और दांपत्य सुख से जुड़ा हुआ माना जाता है, और यह अविवाहित कन्याओं के लिए विशेष रूप से फलदायी होता है। एक अन्य शक्तिशाली मंत्र "ओम ह्रीं दुं दुर्गायै नमः" साधक को भय, शंका और असुरक्षा से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।

मंत्र जाप के लिए नवरात्रि का समय अत्यंत शुभ माना गया है। प्रातःकाल या रात्रि का शांत समय जप के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। शुद्ध आसन पर बैठकर, दीपक जलाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बीज मंत्रों का कम से कम १०८ बार जाप करने की परंपरा है। यह केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं बल्कि साधक के मन को एकाग्र करने और आत्मा को ऊर्जावान बनाने की साधना है। ये सभी मंत्र भावार्थ के साथ मार्कण्डेय पुराण और देवी सप्तशती में उपलब्ध हैं।

विज्ञान भी यह मानता है कि मंत्रोच्चारण से उत्पन्न ध्वनि तरंगें हमारे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती हैं। यह ध्यान और मेडिटेशन की तरह मन को शांत करती हैं और सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देती हैं। यही कारण है कि नवरात्रि के मंत्र केवल आस्था ही नहीं, बल्कि ऊर्जा और विज्ञान का भी संगम हैं।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के तंत्रिका वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि १० मिनट तक मंत्र जप करने से तनाव पैदा करने वाले हार्मोन एड्रेनालाईन और कॉर्टिसोल का स्राव रुक जाता है। यह सुखदायक प्रभाव प्रत्येक मंत्र सत्र के बाद ४८ घंटे तक बना रहता है। वहीं इंपीरियल कॉलेज लंदन में किए गए शोध से पता चला है कि मंत्रोच्चार हमारी हृदय गति को दिन के सबसे निचले स्तर पर ला देता है। यह हमारे रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है, नियमित मंत्रोच्चार हृदय रोग को दूर करने में सहायक हो सकता है।

नवरात्रि के मंत्रों को भावपूर्वक जपना अपने भीतर छिपी शक्ति को पहचानना है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि शक्ति कहीं बाहर नहीं, बल्कि हमारे अंदर ही विद्यमान है। जब भक्त श्रद्धा से मंत्रों का उच्चारण करता है, तो वह अपनी आत्मा को उस शक्ति से जोड़ता है और जीवन में साहस, संतुलन और समृद्धि का मार्ग खोलता है।

Point of View

मैं मानता हूं कि नवरात्रि का पर्व केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो हमें हमारी आंतरिक शक्ति को पहचानने और साधना के माध्यम से उसे जागृत करने का प्रेरणा देता है। यह हमें बताता है कि हम सब में शक्ति है, बस उसे पहचानने और उसका सही उपयोग करने की जरूरत है।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

नवरात्रि में मंत्र जाप का क्या महत्व है?
नवरात्रि में मंत्र जाप करने से साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, साहस और सफलता का संचार होता है।
चामुंडा मंत्र का जाप कैसे करें?
चामुंडा मंत्र का जाप करते समय श्रद्धा और एकाग्रता के साथ इसे कम से कम १०८ बार जपें।
क्या मंत्र जाप से मानसिक तनाव कम होता है?
जी हां, मंत्र जाप से मानसिक तनाव कम होता है और यह मन को शांत करता है।
नवरात्रि के दौरान कौन से मंत्र प्रमुख हैं?
नवरात्रि के दौरान ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे और ओम दुं दुर्गायै नमः जैसे मंत्र प्रमुख हैं।
कितनी बार मंत्र जाप करना चाहिए?
नवरात्रि के दौरान कम से कम १०८ बार मंत्र जाप करना चाहिए।