क्या आनंद परांजपे ने गरबा पंडाल को लेकर विहिप और बजरंग दल के आदेश की आलोचना की?

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क्या आनंद परांजपे ने गरबा पंडाल को लेकर विहिप और बजरंग दल के आदेश की आलोचना की?

सारांश

आनंद परांजपे ने गरबा पंडालों पर विहिप और बजरंग दल के आदेश की आलोचना की। क्या यह धार्मिक भेदभाव है? जानें उनके विचार और सुरक्षा पर उनकी चिंता।

Key Takeaways

  • आनंद परांजपे ने धार्मिक भेदभाव की आलोचना की।
  • महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी की बात की।
  • जीएसटी सुधार का स्वागत किया।
  • सामाजिक समरसता पर जोर दिया।
  • प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान होना चाहिए।

मुंबई, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व सांसद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद परांजपे ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के उस आदेश की आलोचना की है, जिसमें दुर्गा पूजा के अवसर पर आयोजित गरबा नृत्य में शामिल होने वाले लोगों की जांच करने का उल्लेख है।

आनंद परांजपे ने कहा कि इस तरह से किसी व्यक्ति को धर्म के आधार पर प्रताड़ित करना निंदनीय है। उन्होंने यह भी बताया कि कई बार मुस्लिमहिंदू उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संबंध में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार केवल महाराष्ट्र सरकार के पास है, न कि किसी अन्य के पास।

उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखना पूरी तरह से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरबा

आनंद परांजपे ने कहा कि भारतमहाराष्ट्र पुलिस

उन्होंने केंद्र सरकार के जीएसटी सुधारों का स्वागत किया और कहा कि इससे किसानों को लाभ होगा।

आनंद परांजपे ने कांग्रेसमल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर भी आपत्ति जताई और कहा कि प्रधानमंत्री के पद की गरिमा का सम्मान होना चाहिए।

उन्होंने संजय राउत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की टाइमिंग पर उठाए गए सवालों की भी आलोचना की।

Point of View

मैं मानता हूँ कि गरबा जैसे सांस्कृतिक आयोजनों में भागीदारी का अधिकार सभी को है। धार्मिक भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। यह आवश्यक है कि सभी समुदायों को समान सम्मान मिले।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

आनंद परांजपे ने किस आदेश की आलोचना की?
आनंद परांजपे ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के उस आदेश की आलोचना की, जिसमें दुर्गा पूजा के दौरान गरबा नृत्य में शामिल लोगों की जांच करने की बात कही गई है।
आनंद परांजपे का इस पर क्या कहना है?
आनंद परांजपे ने इसे निंदनीय बताया और कहा कि किसी व्यक्ति को धर्म के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।
महिलाओं की सुरक्षा के बारे में उनका क्या कहना था?
आनंद परांजपे ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पूरी तरह से राज्य सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए।
क्या उन्होंने जीएसटी सुधार का स्वागत किया?
हाँ, आनंद परांजपे ने जीएसटी सुधारों का स्वागत किया और कहा कि इससे किसानों को लाभ होगा।
क्या उन्होंने संजय राउत के बयान पर कुछ कहा?
आनंद परांजपे ने संजय राउत की बुद्धिमत्ता पर सवाल उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री के पद की गरिमा का सम्मान होना चाहिए।