क्या मासिक शिवरात्रि पर पंचाक्षर मंत्र जाप से बाबा भोलेनाथ होंगे प्रसन्न?

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क्या मासिक शिवरात्रि पर पंचाक्षर मंत्र जाप से बाबा भोलेनाथ होंगे प्रसन्न?

सारांश

मासिक शिवरात्रि के अवसर पर पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से बाबा भोलेनाथ की कृपा प्राप्त हो सकती है। जानें इस दिन की खासियतें और पूजा विधि।

Key Takeaways

  • मासिक शिवरात्रि का आयोजन हर महीने होता है।
  • पंचाक्षर मंत्र का जाप करें।
  • पूजा विधि में स्नान और शुद्धता का ध्यान रखें।
  • कुंवारी लड़कियों के लिए यह विशेष महत्व रखता है।
  • अभिषेक के लिए गंगाजल का उपयोग करें।

नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का आयोजन होता है। इस दिन आर्द्रा नक्षत्र के साथ शूल और गण्ड योग का निर्माण हो रहा है। आज चंद्रमा मिथुन राशि में स्थित रहेंगे।

पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:56 से 12:52 तक रहेगा और राहुकाल दोपहर 03:53 से 05:38 तक रहेगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। कृष्ण चतुर्थी मुहूर्त 2310:09 से 24 जून की शाम 06:59 तक रहेगा।

प्रतिवर्ष फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि मनाई जाती है, जबकि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का आयोजन होता है। आप चाहें तो इस दिन व्रत भी रख सकते हैं। इस दिन भगवान की पूजा सच्चे मन से की जाती है।

कहा जाता है कि कुंवारी लड़कियां मासिक शिवरात्रि का व्रत रखें तो उन्हें महादेव की कृपा से अच्छे वर की प्राप्ति होती है। वहीं, विवाहित महिलाएं यदि इसे करती हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।

पुराणों में शिवरात्रि व्रत का ज़िक्र मिलता है। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था। जो श्रद्धालु मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहते हैं, वे इसे महाशिवरात्रि से शुरू करके एक वर्ष तक नियमित रूप से कर सकते हैं।

मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन की कठिनाइयों में कमी आती है। शिवरात्रि पूजा मध्य रात्रि को की जाती है, जिसे निशिता काल कहा जाता है और यह दो घटी तक प्रभावी होती है। इस वर्ष जून माह में इसका शुभ मुहूर्त 2312:03 से 24 जून की 12:44 तक है।

मासिक शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें, फिर गंगाजल से अभिषेक करें और बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत, फल और फूल चढ़ाएं। भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से भी लाभ मिलता है। 11 बार रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें। शिवलिंग के सामने बैठकर राम-राम का जप करने से भी भोलेनाथ की कृपा मिलती है।

Point of View

बल्कि सामाजिक भी है। यह अवसर श्रद्धालुओं को एकजुट करने का काम करता है और भक्ति के माध्यम से जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रयास करता है।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

मासिक शिवरात्रि कब होती है?
मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।
क्या इस दिन व्रत रखना अनिवार्य है?
इस दिन व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे रखने से पुण्य प्राप्त होता है।
क्या कुंवारी लड़कियों को इस दिन पूजा करनी चाहिए?
हां, कुंवारी लड़कियां इस दिन पूजा करके अच्छे वर की प्राप्ति की कामना कर सकती हैं।
पंचाक्षर मंत्र क्या है?
पंचाक्षर मंत्र 'नमः शिवाय' है, जिसका जाप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन क्या विशेष पूजा विधि है?
इस दिन भगवान शिव का अभिषेक, पूजा और पंचाक्षर मंत्र का जाप करना विशेष महत्व रखता है।