क्या मधुमक्खीवाला फर्म के प्राकृतिक शहद का वैश्विक बाजार में होगा निर्यात?

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क्या मधुमक्खीवाला फर्म के प्राकृतिक शहद का वैश्विक बाजार में होगा निर्यात?

सारांश

लखनऊ में मधुमक्खीवाला स्टार्ट-अप ने न्यूजीलैंड के प्रतिनिधियों को प्रभावित किया, जो शहद के निर्यात में मदद करेंगे। जानिए इस अद्वितीय पहल के बारे में जो युवा उद्यमियों के लिए एक बड़ा अवसर है।

Key Takeaways

  • प्राकृतिक शहद का उत्पादन
  • ग्लोबल ब्रांडिंग का अवसर
  • समुदाय विकास में योगदान
  • युवाओं को प्रेरणा देना
  • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम

लखनऊ, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में युवा उद्यमियों और स्वरोजगार को बढ़ावा देने का कार्य तेजी से चल रहा है। बाराबंकी जिले में निमित सिंह द्वारा संचालित मधुमक्खीवाला स्टार्ट-अप इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन रहा है। इसी संदर्भ में शनिवार को न्यूजीलैंड के प्राइमरी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के प्रतिनिधि ईशन जयवर्धने और एपीईडीए के क्षेत्रीय प्रमुख संदीप साहा ने बाराबंकी में मधुमक्खीवाला स्टार्ट-अप की फार्म का दौरा किया।

प्रतिनिधि दल ने स्टार्ट-अप की मधुमक्खी पालन की विधि और शहद उत्पादन की तकनीक की सराहना की और उनकी उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग और बिक्री में सहयोग का आश्वासन दिया। न्यूजीलैंड के प्राइमरी इंडस्ट्री और कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के प्रतिनिधियों ने मधुमक्खीवाला की फार्म का गहन निरीक्षण किया और उनके द्वारा अपनाई जाने वाली आधुनिक विधियों, जैसे बिना गर्मी, मिलावट और रसायन के बिना प्राकृतिक शहद के उत्पादन की खुलकर सराहना की।

जयवर्धने ने कहा कि यह फार्म तकनीकी रूप से उन्नत होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास का एक जीवंत उदाहरण है। दल ने विभिन्न प्राकृतिक स्रोतों जैसे सरसों, मल्टीफ्लोर, यूकेलिप्टस, अजवाइन, नीम और जामुन से तैयार उच्च गुणवत्ता वाले शहद को न्यूजीलैंड के जीआई टैग वाले मनुका हनी की तरह वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग करने का आश्वासन भी दिया।

इस अवसर पर यूपी उद्यान विभाग के उप निदेशक सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। उन्होंने मधुमक्खीवाला के साथ जुड़े सामुदायिक शहद उत्पादकों और जिले के अन्य बी-कीपर्स को अपने उत्पाद की गुणवत्ता को बढ़ाने और उसकी निर्यात संभावनाओं को बढ़ाने के सुझाव भी दिए।

'मधुमक्खीवाला' के संस्थापक निमित सिंह ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के राजौली से निकलकर मधुमक्खी पालन को एक स्थायी आजीविका और सामुदायिक विकास का माध्यम बना दिया है। उन्होंने बताया कि 2014 में उन्होंने मधुमक्खीवाला स्टार्ट-अप की शुरुआत की थी। 2017 से यूपी में स्टार्ट-अप के लिए बने सकारात्मक वातावरण और प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई सीएम स्वरोजगार योजना और सीएम युवा उद्यमी योजना के साथ प्रदेश उद्यान विभाग और पीएमईएमई योजना से मिले सहयोग ने उनके उत्पाद को वैश्विक पहचान दिलवाई है।

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी उनके प्रयास को राजभवन में गवर्नर अवॉर्ड और प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में शामिल कर सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एपीईडीए और न्यूजीलैंड के साथ प्रस्तावित एफटीए के तहत निरीक्षण के लिए उनकी फर्म का चयन करना प्रदेश में शहद और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग और बिक्री में सहयोग प्रदान करेगा।

यह निरीक्षण कार्यक्रम भारत और न्यूजीलैंड के बीच कृषि एवं शहद उत्पादन में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

Point of View

यह पहल ना केवल आर्थिक विकास में योगदान दे रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास का भी ध्यान रख रही है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

मधुमक्खीवाला स्टार्ट-अप का क्या उद्देश्य है?
मधुमक्खीवाला स्टार्ट-अप का उद्देश्य प्राकृतिक शहद का उत्पादन करना और इसे वैश्विक स्तर पर ब्रांड करना है।
न्यूजीलैंड के प्रतिनिधियों ने स्टार्ट-अप के बारे में क्या कहा?
उन्होंने स्टार्ट-अप की तकनीकों की सराहना की और वैश्विक स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया।
क्या इस स्टार्ट-अप के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे?
हाँ, यह स्टार्ट-अप स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है।
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