क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी पंचायत और वार्ड समिति बनाएगी?
सारांश
Key Takeaways
- जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का निर्णय।
- पंचायत एवं वार्ड समितियों का गठन।
- जनसंपर्क को बढ़ावा देने की योजना।
- 2026 में जनहित के मुद्दों को उठाने का संकल्प।
- 71 जिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति।
भोपाल, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर अपनी तैयारियों को तेज करने की योजना बनाई है। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में मास कनेक्ट प्रोग्राम और पंचायत एवं वार्ड समितियों के गठन पर गहन चर्चा हुई। कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस बैठक में संगठन को जमीनी स्तर पर और अधिक सशक्त बनाने, जनसंपर्क को मजबूत करने और आगामी राजनीतिक रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक के बाद, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि संगठन को जमीनी स्तर पर और भी मजबूत करने की दिशा में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि आज की बैठक में मास कनेक्ट प्रोग्राम और पंचायत एवं वार्ड समितियों के गठन पर गंभीर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही है और इसमें गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर महात्मा गांधी के विचारों और भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत कार्य करने का आरोप लगाया। प्रदेश प्रभारी ने आगामी रणनीति की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस संगठन वर्ष 2026 में प्रदेश स्तर से लेकर ग्राम और वार्ड स्तर तक पूरी क्षमता, मजबूती और प्रतिबद्धता के साथ सक्रिय रहेगी और जनहित के मुद्दों को उठाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि नए साल की शुरुआत में 1 जनवरी 2026 से लेकर 15 फरवरी 2026 तक प्रदेश के सभी जिलों में पंचायत कमेटी, वार्ड कमेटी और मंडल स्तर तक संगठन का नया गठन पूरा किया जाएगा। यह अभियान संगठनात्मक मजबूती और आम जनता से सीधे संवाद स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम होगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में पहली बार हुआ है जब एक साथ 71 जिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी तरह संगठनात्मक प्रक्रिया के माध्यम से की गई है। इसी प्रकार, सभी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति भी एक साथ और पारदर्शी संगठनात्मक प्रक्रिया के तहत की गई, जिससे कार्यकर्ताओं में नया उत्साह और संगठन में विश्वास बढ़ा है।
पटवारी ने 2023 के विधानसभा चुनावों पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिन विधानसभा सीटों पर भाजपा एक लाख, 50 हजार या 40 हजार मतों से विजयी घोषित हुई, उन्हीं सीटों पर एसआईआर प्रक्रिया के दौरान जितने वोट काटे गए हैं, उनकी संख्या जीत के अंतर से कहीं अधिक है। ऐसा लगभग 60 विधानसभा सीटों पर देखने को मिला है।