क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने इस्तीफा दिया?
सारांश
Key Takeaways
- नए चेहरों को मौका देने का महत्व।
- संगठन में बदलाव की आवश्यकता।
- टीम के साथ मिलकर काम करने का महत्व।
- पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुँचाना।
- उथल-पुथल की स्थिति में एकता का महत्व।
भोपाल, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेजा है। मुकेश नायक ने स्पष्ट कहा है कि वे यह फैसला पूरी तरह स्वेच्छा से ले रहे हैं। इसके पीछे उनका उद्देश्य नए लोगों को अवसर देना है।
मुकेश नायक का कहना है कि उन्होंने मीडिया विभाग के अध्यक्ष के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल को पूरी ईमानदारी, निष्ठा और मेहनत के साथ निभाया है। इस दौरान उन्होंने पार्टी की नीतियों और विचारधारा को जनता तक पहुँचाने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर काम किया। उनका मानना है कि संगठन को मजबूत बनाए रखने के लिए समय-समय पर बदलाव आवश्यक होते हैं, ताकि नए चेहरे और नई ऊर्जा सामने आ सकें।
उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई प्रबंधन समिति की बैठक में भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था। बैठक के दौरान उन्होंने कहा था कि पुराने लोगों को खुद आगे बढ़कर नए साथियों के लिए जगह बनानी चाहिए। उसी सोच के तहत उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।
अपने इस्तीफे में मुकेश नायक ने लिखा, "कल प्रबंध समीति की बैठक में मैंने यह आह्वान किया था कि पुराने लोगों को नए लोगों के लिए स्थान खाली करना चाहिए। मैं स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा देता हूं। दो वर्ष एक बेहद मेहनती, ईमानदार और सक्षम अध्यक्ष के साथ काम करने का अनुभव अच्छा रहा। मेरी अनन्य शुभकामनाएं।"
पिछले 24 घंटों में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग में उथल-पुथल मची हुई है। मामला पार्टी प्रवक्ताओं के टैलेंट हंट कार्यक्रम से जुड़ा है। एक ही काम के लिए अलग-अलग पदाधिकारियों द्वारा अलग-अलग कमेटियां और आदेश जारी किए गए, जिससे आपसी तालमेल की कमी साफ दिखी।
पहले संगठन प्रभारी महासचिव संजय कामले ने टैलेंट हंट को लेकर कमेटी बनाई। इसके बाद मीडिया अध्यक्ष मुकेश नायक ने 13 सदस्यीय कमेटी गठित कर प्रदेश को छह क्लस्टर में बांट दिया, लेकिन मीडिया और कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी महासचिव अभय तिवारी ने इस कमेटी को निरस्त कर दिया। इस लेटर वार ने पार्टी के भीतर असमंजस और विवाद को और बढ़ा दिया है।