क्या दिग्विजय सिंह ने कफ सिरप मामले में पीएम मोदी को पत्र लिखा है?
सारांश
Key Takeaways
- दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है।
- छिंदवाड़ा में 26 बच्चों की मौत हुई है।
- स्वास्थ्य मंत्रालय पर लापरवाही का आरोप है।
- जांच की मांग की गई है।
- यह मुद्दा पूरे देश का है।
भोपाल, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र में उल्लेख किया कि छिंदवाड़ा, जो आदिवासी बहुल जिला है, में जहरीले कफ सिरप के सेवन से 26 बच्चों की दर्दनाक मौत हुई है। इस हृदयविदारक घटना ने केंद्रीय और राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय की लापरवाहियों को उजागर किया है। 25 से अधिक माताओं का दुख-दर्द साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इस नृशंस कांड की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने भाजपा सरकार पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने इलेक्टोरल बॉण्ड के माध्यम से 945 करोड़ रुपए का चंदा लेकर नकली दवा बनाने वाली कंपनियों को खुली छूट दे दी है। देश के विभिन्न राज्यों से प्राप्त आधिकारिक अभिलेखों से यह स्पष्ट होता है कि डाइ-एथिलीन ग्लाइकोल से दूषित खांसी सिरपों के सेवन से कई निर्दोष बच्चों की असमय मृत्यु हो चुकी है। यह एक राष्ट्रव्यापी अपराध प्रतीत होता है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में घटित यह घटना केवल एक औषधि के जहरीले होने का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे औषधि विनियामक ढांचे, स्वास्थ्य प्रशासन और नीति-निर्माण प्रक्रिया की गंभीर विफलता का प्रतीक है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि संवैधानिक उत्तरदायित्व और समाज एवं सरकार के नैतिक मूल्यों की भी कठोर परीक्षा है।
दिग्विजय सिंह ने दवा कारोबार में हो रही गड़बड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि यह विषय किसी एक दल या व्यक्ति का नहीं, बल्कि देश के हर बच्चे और हर नागरिक के जीवन का है।