क्या जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर केंद्र और राज्य सरकारों को घेरा?

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क्या जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर केंद्र और राज्य सरकारों को घेरा?

सारांश

मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर जीतू पटवारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सरकार के आंकड़ों को चुनौती देते हुए बताया कि राज्य में शिक्षा, कुपोषण और बेरोजगारी की स्थिति अत्यंत खराब है। क्या यह स्थिति प्रशासन की नाकामी का परिणाम है?

Key Takeaways

  • मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में गंभीर समस्याएं हैं।
  • 56 लाख बच्चे शिक्षा से गायब हो चुके हैं।
  • कुपोषण और गरीबी की स्थिति चिंताजनक है।
  • सरकार को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
  • राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाया है।

भोपाल, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा बच्चों के खान-पान के संबंध में दिए गए बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आक्रमण किया। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि राज्य में कुपोषण, गरीबी और बेरोजगारी का संकट है।

केंद्रीय मंत्री ने भोपाल के दौरे के दौरान कहा था कि राज्य के डेढ़ करोड़ बच्चों में से 50 लाख बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने फल सेब नहीं देखा होगा और अगर देखा है तो केवल बाजार में।

इसी बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारी, गरीबी और कुपोषण को लेकर पिछले कई वर्षों में कई एजेंसियों और अनुसंधान संस्थानों ने गंभीर रिपोर्टें पेश की हैं। यह बताया गया है कि मध्य प्रदेश की शिक्षा संरचना बेहद कमजोर हो चुकी है, और बच्चों को भोजन, किताबें, शिक्षक, और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी पर्याप्त रूप से नहीं मिल रही हैं। हाल ही में राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से यह कड़वी सच्चाई उजागर की कि मध्य प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के बच्चों को मिड-डे मील का भोजन सिर्फ कागजों पर दिया जा रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है जो व्यवस्था की खामी नहीं, बल्कि संपूर्ण प्रशासनिक ढांचे की असफलता और संवेदनहीनता का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि सरकार अपने बजट में यह दावा करती है कि बच्चों को प्रति दिन 12 रुपए पोषण के लिए दिए जाते हैं, जबकि उसी में गायों के भोजन पर प्रतिदिन 40 रुपए खर्च दिखाया गया है। वर्तमान में स्थिति यह है कि सरकारी आंकड़ों में गायों को 40 रुपए दिए जा रहे हैं, जबकि बच्चे कुपोषण का सामना कर रहे हैं और गायें भी गौशालाओं में दम तोड़ने को मजबूर हैं। यह एक ऐसे शासन का दृश्य है जिसमें न तो मानव जीवन की कीमत है और न ही पशु जीवन की, केवल बजट का खेल और फाइलों का हेरफेर ही दिखाई देता है।

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता को यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा व्यवस्था में जो अंधकार है, वह केवल प्रशासनिक गलती नहीं बल्कि सत्ता की उदासीनता और भ्रष्टाचार का परिणाम है। आज यह भी सच है कि शिशु मृत्यु दर में मध्य प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है, कुपोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अत्यंत भयावह है, और इस सबके बावजूद सरकार न तो सुनवाई करती है, न कोई जांच कराती है, और न ही कोई कदम उठाती है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के 56 लाख बच्चे शिक्षा व्यवस्था से गायब हो गए हैं। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में वर्ष 2017-18 में 1 करोड़ 60 लाख बच्चे पहली से 12वीं कक्षा तक थे, लेकिन वर्ष 2024-25 में यह संख्या घटकर 1 करोड़ 4 लाख रह गई है। इस प्रकार, 7 वर्षों में 56 लाख बच्चे शिक्षा व्यवस्था से लापता हो गए हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। सरकार को इन समस्याओं की गंभीरता को समझना होगा और त्वरित कदम उठाने होंगे।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या जीतू पटवारी ने सरकार पर आरोप लगाया है?
जी हां, जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और कुपोषण की स्थिति पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कितने बच्चे शिक्षा व्यवस्था से गायब हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 56 लाख बच्चे शिक्षा व्यवस्था से गायब हो गए हैं।
केंद्र सरकार के मंत्री का क्या कहना है?
केंद्र सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि 50 लाख बच्चे फल सेब नहीं देख पाए हैं।
क्या कुपोषण की स्थिति में सुधार हो रहा है?
इस विषय पर जीतू पटवारी ने कहा कि कुपोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद खराब है।
क्या राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कुछ कहा है?
जी हां, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील की स्थिति को उजागर किया है।
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