क्या मध्य प्रदेश में अवैध वसूली के आरोप में महिला आबकारी अधिकारी निलंबित हुईं?
सारांश
Key Takeaways
- मंदाकिनी दीक्षित को अवैध वसूली के आरोप में निलंबित किया गया है।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
- दिनेश मकवाना ने आत्महत्या से पहले वीडियो जारी किया था।
- यह मामला प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।
- मंदाकिनी का निलंबन मध्य प्रदेश सेवा सिविल नियम का उल्लंघन है।
भोपाल, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के देवास जिले की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को अवैध वसूली के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर की गई है।
दरअसल, देवास के आबकारी ठेकेदार दिनेश मकवाना ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने मंदाकिनी दीक्षित पर अवैध राशि मांगने के गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले के उजागर होने पर मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके परिणामस्वरूप वाणिज्यिक कर विभाग की उप सचिव वंदना शर्मा ने मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित करने का आदेश जारी किया।
उप सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दिनेश मकवाना द्वारा आत्महत्या के पूर्व बनाए गए वीडियो में मंदाकिनी दीक्षित पर अवैध राशि मांगने का आरोप लगाया गया था। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि दीक्षित पर लगे आरोप प्रथम दृष्टया अत्यधिक गंभीर हैं और यह शासकीय सेवा के कर्तव्यों के विपरीत हैं, जो कि मध्य प्रदेश सेवा सिविल नियम 1965 का उल्लंघन करते हैं, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय आबकारी आयुक्त ग्वालियर का कार्यालय रहेगा। पिछले महीने, आबकारी ठेकेदार मकवाना ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले, उन्होंने एक वीडियो में आरोप लगाया था कि सहायक आबकारी अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित उनसे प्रति दुकान डेढ़ लाख रुपए की मांग कर रही हैं, जो उनके लिए संभव नहीं था, और इस कारण उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाने की बात कही थी।