क्या मध्य प्रदेश में 5 हजार सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर हैं?
सारांश
Key Takeaways
- 5 हजार सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर हैं।
- बच्चों के दाखिले में 3.50 लाख की कमी आई है।
- स्कूलों की दूरी और शिक्षकों की कमी मुख्य कारण हैं।
भोपाल, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने शनिवार को यह आरोप लगाया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि बच्चों के दाखिले में लगातार गिरावट आ रही है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 5 हजार सरकारी स्कूल अब बंद होने के कगार पर हैं।
सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश के स्कूलों की स्थिति चिंताजनक और शर्मनाक है। पिछले वर्षों की तुलना में सरकारी स्कूलों में 3.50 लाख कम दाखिले हुए हैं और 5 हजार से अधिक स्कूल बंद होने की स्थिति में हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सवाल यह है कि बच्चे पढ़ाई क्यों छोड़ रहे हैं? इसका कारण यह हो सकता है कि स्कूल दूर होते जा रहे हैं, शिक्षकों की कमी है और शिक्षा व्यवस्था लगातार कमजोर होती जा रही है। ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में, एक किलोमीटर की दूरी भी बच्चों के लिए एक बाधा बन जाती है। गरीब परिवार न तो रोज़ बस का किराया उठा सकते हैं और न ही अपने बच्चों की सुरक्षा को दांव पर लगा सकते हैं।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर क्यों बच्चों को स्कूल से बाहर धकेला जा रहा है? शिक्षा को अंतिम प्राथमिकता क्यों दी गई है? अगर आज स्कूल बंद होंगे, तो कल सपने, रोजगार और भविष्य भी बंद हो जाएंगे।
ज्ञात हो कि कांग्रेस राज्य की विभिन्न समस्याओं के जरिए सरकार को लगातार घेर रही है। कानून-व्यवस्था से लेकर जनजातीय वर्ग की समस्याओं पर कांग्रेस सक्रिय है। राज्य की स्कूली शिक्षा को लेकर भी सरकार को घेरा गया है। दूसरी ओर, सरकार स्कूली शिक्षा को बेहतर करने और संसाधन मुहैया कराने का दावा कर रही है।