क्या मध्य प्रदेश में नगरपालिका और परिषद के अध्यक्ष को जनता सीधे चुनेगी?
सारांश
Key Takeaways
- प्रत्यक्ष चुनाव से जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा।
- अध्यक्ष की रिकॉल प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।
- यह विधेयक लोकतंत्र को मजबूत करता है।
भोपाल, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश विधानसभा में नगरपालिका संशोधन विधेयक 2025 पारित किया गया है। इस नए संशोधन के तहत राज्य में नगरपालिका और परिषद के अध्यक्षों के चुनाव अब प्रत्यक्ष तरीके से होंगे, मतलब जनता अब सीधे इनका चुनाव करेगी।
राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि यह संशोधन विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ है। कोरोना महामारी के कारण चुनाव प्रक्रिया में बदलाव किया गया था, जिसके चलते नगरपालिका और परिषद के चुनाव पहले अप्रत्यक्ष तरीके से हो रहे थे। इसके परिणाम संतोषजनक नहीं रहे, जिससे अध्यक्षों को ब्लैकमेलिंग का सामना भी करना पड़ा, और शहर की विकास प्रक्रिया प्रभावित हुई।
उन्होंने कहा कि नगरपालिका और नगर परिषद की स्थिति को लेकर सभी दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से शिकायत की थी। उनकी मांग थी कि ये चुनाव अब सीधे होने चाहिए। इसीलिए, सभी की सहमति से यह संशोधन विधेयक लाया गया है और अब नगरपालिका, नगर परिषद और नगर निगम के चुनाव एक साथ होंगे। इसमें रिकॉल के लिए भी संशोधन किया गया है।
अगर कोई अध्यक्ष जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता, तो तीन चौथाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाकर कलेक्टर को देंगे। यह प्रस्ताव राज्य शासन के पास जाएगा, और यदि राज्य शासन इसे सही पाएगा, तो निर्वाचन आयोग संबंधित को अपदस्थ करेगा और तुरंत नए चुनाव कराएगा। यह संशोधन विधेयक लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है।