क्या गुना में बछड़े को बचाने गए छह युवकों में से पाँच की हुई मौत?

सारांश
Key Takeaways
- गुना में बछड़े को बचाने की कोशिश में पांच युवकों की मौत हुई।
- जहरीली गैस के कारण दम घुटने से हुई मृत्यु।
- मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की।
- प्रशासन ने घटना की जांच शुरू की।
- गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
गुना, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के गुना जिले के धरनावदा गांव में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहां कुएं में गिरे एक गाय के बछड़े को बचाने के प्रयास में उतरे छह युवकों में से पांच की जहरीली गैस से दम घुटने के कारण मौत हो गई। एक युवक किसी तरह रस्सी पकड़कर बाहर निकलने में सफल रहा। इस त्रासदी के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
मंगलवार सुबह लगभग ११:३० बजे गांव के कुछ निवासियों ने देखा कि एक बछड़ा पुराने कुएं में गिर गया है। बछड़े को बचाने के लिए सबसे पहले गांव का युवक मन्नू कुशवाह कुएं में उतरा, लेकिन उसने दम घुटने की शिकायत की। उसकी सहायता के लिए सोनू कुशवाह और एक अन्य युवक भी कुएं में उतर गए। कुछ ही पल में तीनों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी।
इसके बाद मन्नू का बड़ा भाई पवन कुशवाह और गांव के दो अन्य लोग गुरु ओझा और शिवचरण साहू (शिवदयाल ओझा) भी बचाव के लिए कुएं में गए। कुल ६ युवक एक-एक कर अंदर गए, लेकिन वहां मौजूद जहरीली गैस के कारण पांच की जान चली गई।
केवल पवन कुशवाह ही रस्सी की मदद से किसी तरह बाहर निकलने में सफल हुआ। उसके अनुसार, कुएं में उतरते ही सांस घुटने लगी थी और सभी की स्थिति बिगड़ गई थी। तीन युवकों की मौत कुएं में ही हो गई, जबकि दो अन्य ने जिला अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की। प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर जांच शुरू कर दी है।
घटना को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "गुना जिले की राघौगढ़ तहसील के धरनावदा गांव में कुएं में गिरे बछड़े को बचाने के प्रयास में कुएं में उतरे पांच लोगों की जहरीली गैस से दम घुटने के कारण हुई मृत्यु एवं एक व्यक्ति की हालत गंभीर होने का समाचार अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारजनों के साथ हैं। मृतकों के निकटतम परिजनों को राज्य शासन की ओर से ४-४ लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि दिवंगतों की आत्मा को शांति, शोकाकुल परिजनों को यह असहनीय कष्ट सहन करने की शक्ति तथा पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।"
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "यह घटना अत्यंत दुखद है। पांच लोगों ने गोमाता को बचाने के प्रयास में अपने प्राण गंवा दिए। मैं प्रशासन से आग्रह करता हूं कि मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।"