क्या मध्य प्रदेश में बॉन्ड भरकर गैर हाजिर रहने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई होगी?
सारांश
Key Takeaways
- सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है गैर हाजिर चिकित्सकों के खिलाफ।
- चिकित्सकों की अनुपस्थिति से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव पड़ता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ओपीडी सेवाओं को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
- गर्भवती माताओं के पंजीकरण और जांच को समय पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
भोपाल, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने स्पष्ट किया है कि बॉन्ड भरने के बावजूद भी जो चिकित्सक गैर हाजिर रहेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने पन्ना जिले के दौरे के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए यह भी कहा कि सभी जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ को नियमित रूप से समय पर उपस्थित रहना चाहिए ताकि आम जनता को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें। टेलीमेडिसिन का भी उपयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने निर्देश दिए कि संचालनालय स्तर पर नियुक्त बॉन्ड चिकित्सकों को अनिवार्य रूप से पदभार ग्रहण करने के लिए कहा जाए। अनुपस्थित रहने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
विशेष रूप से, राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों से सरकारी नौकरी में शामिल होने पर बॉन्ड
उप मुख्यमंत्री ने विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों से रिक्त पदों की जानकारी जुटाने का निर्देश दिया और स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर भ्रमण करने का सुझाव भी दिया। स्वास्थ्य योजनाओं का घर-घर संपर्क कर बेहतर कार्यान्वयन पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सभी गर्भवती माताओं का 100% पंजीकरण और आवश्यक जांच समय पर सुनिश्चित करने की बात कही। इससे हाई रिस्क प्रेगनेंसी की समस्या का समाधान संभव हो सकेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में महिला स्वास्थ्य जांच शिविरों का उचित प्रचार-प्रसार किया जाए और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए।
उप मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय का दौरा करते हुए विभिन्न वार्डों में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और मरीजों से संवाद कर उनकी स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली।