क्या मध्य प्रदेश के धार्मिक जुलूसों में हथियारों का प्रदर्शन बढ़ रहा है? : दिग्विजय सिंह

सारांश
Key Takeaways
- धार्मिक जुलूसों में हथियारों का प्रदर्शन बढ़ रहा है।
- दिग्विजय सिंह ने चिंता जताई है।
- पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
- राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- सामाजिक घृणा फैलाने का आरोप भाजपा पर।
भोपाल, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने राज्य में निकलने वाले धार्मिक जुलूसों में हथियारों के प्रदर्शन की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सबूतों के साथ शिकायत करने का भी इरादा जताया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी सोमवार को हमीदिया अस्पताल पहुंचे थे, जहां एक व्यक्ति की हमले के चलते मौत हो गई है। यह हमला धार्मिक जुलूस के दौरान होने की बात कही जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि एक धार्मिक जुलूस चल रहा था, उसी दौरान ललितपुर से अपनी मौसी के घर आए एक युवक पर कुछ लोगों ने चाकू से हमला कर दिया। ये लोग भी धार्मिक जुलूस में मौजूद थे। इस घटना में एक व्यक्ति की जान गई है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सिंह ने कहा कि राज्य में धार्मिक जुलूसों में हथियार लेकर प्रदर्शन करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इस प्रकार के मामलों के सबूत जुटाकर वे पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव से मुलाकात करेंगे।
वहीं, एसीपी राकेश सिंह बघेल ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही वे तुरंत अस्पताल पहुंचे। घायल की मौत अस्पताल में हुई है। जुलूस से हत्या का कोई संबंध नहीं है। फिलहाल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जुलूस से लौटकर ललितपुर से मौसी के घर आए युवक की हत्या हुई थी।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने चाचौड़ा से भाजपा विधायक द्वारा अपने क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताने का समर्थन करते हुए कहा कि अच्छी बात है कि भाजपा की किसी महिला नेता ने सवाल उठाया है। भाजपा के नेताओं के बीच विवाद हो रहा है। जनप्रतिनिधियों का अपमान सरकार कर रही है।
ग्वालियर के उच्च न्यायालय परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाए जाने के मामले पर जीतू पटवारी ने कहा कि हम इस मामले पर राजनीति नहीं कर रहे हैं। सरकार को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए, सामाजिक घृणा फैलाने का कार्य भाजपा कर रही है। सवाल यह है कि जहां न्याय का मंदिर है, वहां मूर्ति नहीं लगेगी तो कहां लगेगी।