क्या मध्य प्रदेश में खाद मांगने पर किसानों को लाठी मिल रही है? : उमंग सिंघार

सारांश
Key Takeaways
- किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- सरकार की वितरण व्यवस्था में खामियां हैं।
- उमंग सिंघार ने लाठीचार्ज का आरोप लगाया है।
- राज्य की आर्थिकी खेती पर निर्भर है।
- किसानों की समस्याओं का समाधान जरूरी है।
भोपाल, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि किसानों को खाद नहीं मिल रही है और खाद मांगने या कतार में खड़े होने पर उन पर लाठी चलाई जा रही है।
सिंघार ने गुरुवार को भोपाल में संवाददाताओं से कहा कि राज्य का किसान खाद के लिए परेशान है और पिछले सालों के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि राज्य में खाद का आवंटन मांग से ज्यादा था, लेकिन वितरण सही से नहीं हुआ। सरकारी बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में खाद की कमी नहीं रही, फिर भी किसानों को यह नहीं मिल पा रही है।
सिंघार ने केंद्रीय रसायन और खाद मंत्रालय के लोकसभा में दिए गए जवाब का हवाला देते हुए कहा कि 2022 से 2025 तक राज्य को सरप्लस खाद मिली है। इससे स्पष्ट है कि समस्या वितरण और प्रबंधन की है। पिछले तीन वर्षों में सरकार लगभग 14 लाख टन (एलएमटी) यूरिया और 7 लाख टन (एलएमटी) डीएपी किसानों को नहीं बांट पाई है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा करती है, लेकिन किसान खाद पाने के लिए लाठी खा रहे हैं। हाल में भिंड और रीवा में सहकारी समितियों में खाद के लिए कतार में लगे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया।
राज्य की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में सिंघार ने बताया कि प्रदेश में करीब 45 प्रतिशत किसान हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ खेती है। खाद की मांग और खपत के मामले में मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है, फिर भी किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है।
सिंघार ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। किसानों पर लाठी चलाई जा रही है और इसका जवाब वोटों के जरिए मिलेगा।