क्या मध्य प्रदेश में आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचना मुश्किल हो गया है? : कमलनाथ
सारांश
Key Takeaways
- स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत
- सरकारी अस्पतालों की स्थिति
- भ्रष्टाचार का आरोप
- आम जनता की लूट
- सरकार की वित्तीय नीतियाँ
भोपाल, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के आम नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करना अब मुश्किल होता जा रहा है। मध्य प्रदेश में आम जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करना लगभग असंभव हो गया है।
विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, भोपाल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीजों से अत्यधिक शुल्क लिया जा रहा है।
सरकारी अस्पतालों की स्थिति का उल्लेख करते हुए कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि यह एक ज्ञात तथ्य है कि सार्वजनिक अस्पतालों में बड़ी संख्या में समाज के कमजोर वर्ग के लोग इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में इन गरीबों से जांच के लिए अत्यधिक शुल्क वसूलना सरकारी संरक्षण में चल रही लूट है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार हर महीने यह कहकर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेती है कि उसके पास वित्तीय संकट है, तो दूसरी तरफ निजी कंपनियों को करोड़ों रुपये दिए जा रहे हैं।
सरकारी तंत्र में बढ़ते भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का संकट हो या वित्तीय संकट, सभी समस्याओं की जड़ें सरकार के संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची में हैं। पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चल रही इस व्यवस्था की जांच कराई जाए और आम जनता से हो रही लूट तथा सरकारी खजाने में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।
दरअसल, विधानसभा में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह द्वारा राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक सवाल पूछा गया था, जिसमें खुलासा हुआ कि सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने वाले मरीजों की जांच का काम एक निजी कंपनी को सौंपा गया है। इस कंपनी ने एक ही जांच के लिए अलग-अलग दरों से वसूली की। इस कंपनी ने लगभग चार वर्षों में 13 करोड़ मरीजों की जांच की और सरकार से 943 करोड़ रुपये लिए।