क्या मध्य प्रदेश में हंगामे के साथ विधानसभा सत्र की शुरुआत हुई? कांग्रेस विधायकों ने किया अनोखा विरोध-प्रदर्शन
सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश में विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई।
- कांग्रेस विधायकों ने बच्चों की मौतों पर विरोध प्रदर्शन किया।
- प्रदर्शन में मासूम बच्चों के पुतले शामिल थे।
- सरकार की लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए।
- कांग्रेस ने कहा, 'जब मासूमों की बात हो, तो विपक्ष चुप नहीं रहेगा।'
भोपाल, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में फल सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत समेत अन्य मुद्दों पर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में एक अनोखा प्रदर्शन किया। सोमवार को, कांग्रेस विधायक बच्चों के पुतले लेकर विधानसभा पहुँचे।
मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से आरंभ हुआ और कांग्रेस के विधायक बेहद आक्रामक दिखे। पहले ही दिन, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश में बच्चों पर बढ़ते अत्याचार, कफ सिरप पीने से हुई मासूम बच्चों की मौत और सरकारी लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने एक अनोखा सांकेतिक प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान विधायक अपने साथ मासूम बच्चों के पुतले लेकर आए और सरकार को कटघरे में खड़ा किया। एक महिला विधायक 'पूतना' का रूप धारण करके आईं, जिसे भाजपा सरकार की नीतियों का प्रतीक माना गया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, "सरकार बच्चों के मामलों पर संवेदनशील नहीं है। छिंदवाड़ा में कई परिवारों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए और माताओं की गोद सूनी हो गई, लेकिन पूतना बनी सरकार को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और समीक्षा करने की फुर्सत तक नहीं है। अस्पतालों में इतनी बदइंतजामी है कि बच्चों को चूहे भी काट लेते हैं।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने, जवाब देने और जिम्मेदारी तय करने से लगातार बच रही है। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति और सरकार की प्राथमिकताओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। जनता जानना चाहती है कि आखिरकार सरकार मासूमों की जान के मामले में चुप क्यों है?
कांग्रेस विधायकों ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार की लापरवाही अब सहनशीलता की सीमा को पार कर चुकी है। जब बात मासूमों के जीवन की हो, तो विपक्ष चुप नहीं बैठेगा।