क्या 'महाभारत' के पंकज धीर का निधन हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- पंकज धीर का निधन भारतीय टेलीविजन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है।
- उन्होंने 'महाभारत' में कर्ण का किरदार निभाकर अमर पहचान बनाई।
- उनकी फिल्मी करियर में कई सहायक भूमिकाएं थीं।
- उनके बेटे निकितिन धीर भी एक अभिनेता हैं।
- पंकज धीर ने प्रोडक्शन और मेंटरिंग में भी योगदान दिया।
मुंबई, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध अभिनेता पंकज धीर का निधन बुधवार सुबह हो गया। उन्हें बीआर चोपड़ा के प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक ‘महाभारत’ में कर्ण की भूमिका निभाने के लिए पूरे विश्व में पहचान मिली।
उनकी मृत्यु की जानकारी उनके सह-कलाकार और ‘महाभारत’ में अर्जुन का किरदार निभाने वाले फिरोज खान ने अपने सोशल मीडिया पर साझा की। इंस्टाग्राम पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने लिखा, “एक सज्जन व्यक्ति ने दुनिया को अलविदा कहा। आपकी बहुत याद आएगी, दोस्त पंकज धीर।”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंकज धीर का देहांत 15 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे हुआ। बताया गया है कि वह लंबे समय से कैंसर के इलाज से गुजर रहे थे, जिसके चलते उनका निधन हुआ। वह इससे पहले इस बीमारी से लड़ाई जीत चुके थे, लेकिन कुछ महीने पहले यह दोबारा फैल गया। इस दौरान उनकी एक महत्वपूर्ण सर्जरी भी हुई थी।
पंकज धीर के निधन से इंडस्ट्री और उनके फैंस गहरे शोक में हैं। बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार शाम 4:30 बजे मुंबई के विले पार्ले शमशान घाट में किया जाएगा।
पंकज धीर को टीवी धारावाहिक ‘महाभारत’ में कर्ण की भूमिका और ‘चंद्रकांता’, ‘द ग्रेट मराठा’, ‘युग’ तथा ‘बढ़ो बहू’ में उनकी अन्य भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में छोटी भूमिकाओं में अभिनय किया, जिनमें ‘सड़क’, ‘सोल्जर’ और ‘बादशाह’ शामिल हैं। जहाँ ‘महाभारत’ ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई, वहीं फिल्मों में सहायक भूमिकाओं ने बॉलीवुड में उनकी उपस्थिति को स्थापित किया। उनके जाने से फिल्म जगत को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
पंकज धीर के बेटे निकितिन धीर भी एक अभिनेता हैं। उन्हें ‘जोधा अकबर’ और ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। 2006 में पंकज धीर ने अपने भाई सतलुज धीर के साथ मिलकर मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में एक आधुनिक शूटिंग स्टूडियो ‘विसेज स्टूडियोज’ की स्थापना की, जो फिल्म और टीवी प्रोडक्शन के लिए एक प्रसिद्ध स्थल बन गया।
2010 में उन्होंने मुंबई में एक अभिनय अकादमी भी खोली, जहां प्रसिद्ध अभिनेता गुफी पेंटल को प्रमुख बनाया गया, ताकि नए कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जा सके। इंडस्ट्री में उन्होंने न सिर्फ अभिनय किया बल्कि प्रोडक्शन और मेंटरिंग में भी अपने हाथ आजमाए।