क्या महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कोई विवाद नहीं है? पवन खेड़ा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है।
- सभी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
- भाजपा की आशाएँ गलत साबित हो रही हैं।
- महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों का सामना करना जरूरी है।
- सीमा सुरक्षा केंद्रीय सरकार के अधीन है।
रांची, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान और भाजपा नेताओं के बयानों पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कोई पेचीदगी या अड़चन नहीं है, सभी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।
रांची में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि पहले सभी दलों के बीच बातचीत होगी और इसके बाद ही सीटों की घोषणा की जाएगी।
भाजपा की उन आशाओं को खारिज करते हुए, जो यह मानती थीं कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विवाद होगा, खेड़ा ने कहा कि भाजपा की यह धारणा गलत साबित हो रही है। सभी दलों को अपनी बात रखने का अधिकार है और सभी ऐसा कर रहे हैं। हमारी ओर से कोई जटिलता नहीं है।
कांग्रेस नेता ने मुकेश सहनी के बयान पर कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। हमारे यहां कोई पेंच नहीं है।
जेएमएम के अकेले चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। हम सभी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
दुर्गापुर बलात्कार मामले पर उन्होंने कहा कि देश भर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में सवाल उठते हैं, लेकिन जवाब नहीं मिलते। यह स्थिति पूरे देश में है। उनका मानना है कि सरकार और समाज को मिलकर महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का सामना करना होगा और उन्हें समाप्त करना होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घुसपैठ वाले बयान पर तंज कसते हुए खेड़ा ने कहा कि झारखंड चुनाव में घुसपैठिए आए। एनडीए हार गई तो घुसपैठिए चले गए। अब बिहार चुनाव आ रहे हैं तो घुसपैठिए फिर आ जाएंगे, हारेंगे तो फिर चले जाएंगे।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में ८०,००० घुसपैठियों को देश से बाहर किया, जबकि पिछले ११ वर्षों में वर्तमान सरकार ने केवल ७,००० से ८,००० घुसपैठियों को बाहर किया है। यह उनका रिपोर्ट कार्ड है।
पवन खेड़ा ने कहा कि सीमा सुरक्षा केंद्रीय सरकार के अधीन है। यदि भारत में घुसपैठिए आ रहे हैं, तो यह केंद्र सरकार की विफलता है।