क्या पाकिस्तान के पंजगुर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है?

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क्या पाकिस्तान के पंजगुर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है?

सारांश

पंजगुर में डेंगू का प्रकोप गंभीर चिंता का विषय बन गया है। स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य अधिकारियों की प्रयासों को नाकाफी बताया है। क्या समय आ गया है कि सरकार को इस स्थिति का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए?

Key Takeaways

  • पंजगुर में डेंगू का प्रकोप गंभीर है।
  • स्थानीय लोग स्वास्थ्य सेवाओं को नाकाफी मानते हैं।
  • सरकार से ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
  • मच्छर-रोधी उपायों में सुधार की जरूरत है।
  • जन जागरूकता अभियान महत्वपूर्ण हैं।

इस्लामाबाद, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान का पंजगुर जिला इन दिनों डेंगू की चपेट में है, जिससे क्षेत्र में चिंता बढ़ गई है। स्थानीय मीडिया ने रविवार को बताया कि कई पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के इस वायरस से संक्रमित होने की खबरें आई हैं।

पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सांसदों और आम लोगों ने बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किए जा रहे उपायों को नाकाफी बताया है।

रिपोर्टों के अनुसार, कराची से आए कई लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है, और यह जिले के विभिन्न इलाकों, विशेषकर खुदाबदान और चिटकन में फैल रहा है।

निवासियों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव न करने और समर्पित डेंगू नियंत्रण इकाई की कमी ने इस प्रकोप को और बढ़ा दिया है।

एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "पंजगुर की आबादी लगभग दस लाख है, फिर भी डेंगू से निपटने के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है।"

उनके अनुसार, वर्षों से मच्छर-रोधी स्प्रे अभियान केवल प्रतीकात्मक रहे हैं, जो वास्तविक कार्रवाई के बजाय केवल फोटो खिंचवाने तक सीमित हैं।

नेशनल पार्टी के नेता और बलूचिस्तान विधानसभा में उप संसदीय नेता रहमत सालेह बलूच ने स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने बलूचिस्तान सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) से चिकित्सा दल भेजने और प्रकोप को रोकने के लिए आपातकालीन उपाय करने का अनुरोध किया।

रहमत सालेह बलूच ने प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग से पंजगुर को डेंगू प्रभावित जिला घोषित करने और आपातकालीन उपाय करने का आग्रह किया, जिसमें फ्यूमिगेशन, जन जागरूकता अभियान और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार शामिल हैं।

स्थानीय लोगों और नागरिक समाज संगठनों ने प्रांतीय विधानसभा सदस्यों असदुल्लाह बलूच और रहमत सालेह बलूच से प्रांतीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाने और पंजगुर अस्पताल में एक डेंगू उपचार इकाई की स्थापना सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

इस बीच, डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को पेशावर के सुफैद ढेरी इलाके को 'चिकनगुनिया प्रकोप क्षेत्र' घोषित कर दिया। यहाँ मच्छरों के काटने से होने वाले वायरल बुखार के 16 मामले सामने आए थे।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, चिकनगुनिया के मामले उन इलाकों में सामने आए हैं जहाँ डेंगू का प्रकोप अधिक है।

इसमें कहा गया है कि प्रकोप को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं।

Point of View

NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

पंजगुर में डेंगू का प्रकोप कब शुरू हुआ?
डेंगू का प्रकोप हाल ही में शुरू हुआ है, जब कई लोगों में वायरस की पुष्टि हुई।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस पर क्या कदम उठाए हैं?
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने कुछ उपाय किए हैं, लेकिन निवासियों का मानना है कि ये नाकाफी हैं।
डेंगू से संक्रमित लोगों की संख्या कितनी है?
स्थानीय मीडिया के अनुसार, कई पुरुष, महिलाएं और बच्चे इस वायरस से संक्रमित हुए हैं।