क्या धर्म का कार्य धर्माचार्य के अनुसार होना चाहिए? महंत यशवीर महाराज का बयान

सारांश
Key Takeaways
- धर्म का कार्य धर्माचार्यों के अनुसार होना चाहिए।
- कांवड़ यात्रा में अराजक तत्वों की पहचान जरूरी है।
- पुलिस प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए।
- धार्मिक भावनाओं का सम्मान आवश्यक है।
- कांवड़ यात्रा की सांस्कृतिक महत्ता।
मुजफ्फरनगर, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता उदित राज ने कांवड़ यात्रियों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन की मांग की है। बघरा मुजफ्फरनगर आश्रम के स्वामी यशवीर महाराज ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि धर्म का कार्य धर्माचार्यों के अनुसार ही चलेगा, नेताओं को इस मामले में अपनी बोलने की आदत छोड़ देनी चाहिए।
महंत यशवीर महाराज ने कहा, "जो लोग कहते हैं कि कांवड़ वाले तोड़फोड़ करते हैं, उन्हें ऐसा सोचना बंद करना चाहिए। कांवड़ लाने वाला कोई भी व्यक्ति तोड़फोड़ नहीं करता। कांवड़ियों के भेष में कुछ अराजक तत्व ही ऐसा कर रहे हैं। कांवड़ यात्री खुद कुछ नहीं कर रहे हैं।"
उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की कि वे ऐसे व्यक्तियों पर ध्यान दें। अगर कोई ऐसा व्यक्ति पकड़ा जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। महंत ने कांवड़ियों से भी कहा कि वे ऐसे लोगों के साथ न मिलें और घटना की सूचना पुलिस को दें।
कांवड़ियों के वेरिफिकेशन पर उन्होंने कहा, "यह सनातन धर्म का कार्य है। यह नेताओं के भरोसे नहीं चलेगा। धर्म का कार्य धर्माचार्य के अनुसार ही होगा।"
उन्होंने बताया, "भारत की सबसे लंबी धार्मिक यात्रा कांवड़ यात्रा में इस बार साधारण कांवड़ के बजाय कलश कांवड़ की संख्या अधिक है। शिव भक्त विभिन्न आकारों के कलशों में पवित्र गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।"