महापरिनिर्वाण दिवस: क्या मायावती ने भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धाजंलि और पूछा सवाल- बहुजनों के 'अच्छे दिन' कब आएंगे?

Click to start listening
महापरिनिर्वाण दिवस: क्या मायावती ने भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धाजंलि और पूछा सवाल- बहुजनों के 'अच्छे दिन' कब आएंगे?

सारांश

महापरिनिर्वाण दिवस पर मायावती ने अंबेडकर के योगदान पर चिंता जताई। उन्होंने सवाल उठाया कि बहुजनों के 'अच्छे दिन' कब आएंगे। जानिए इस विषय पर उनकी विशेष पोस्ट के बारे में।

Key Takeaways

  • महापरिनिर्वाण दिवस का उद्देश्य अंबेडकर के विचारों को फैलाना है।
  • मायावती ने बहुजन समाज की चिंताओं को उठाया।
  • सामाजिक न्याय की लड़ाई जारी रखना आवश्यक है।

लखनऊ/दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गहरी चिंता जताई कि संविधान निर्माता के दिखाए रास्ते पर चलकर करोड़ों बहुजनों को अभी तक आत्म-सम्मान और स्वाभिमान युक्त 'अच्छे दिन' क्यों नहीं मिले।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में मायावती ने बताया कि उन्होंने नई दिल्ली स्थित अपने निवास पर बाबा साहेब को नमन किया। वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती तट पर बीएसपी सरकार द्वारा बनवाए गए भव्य 'डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल' पर हजारों कार्यकर्ता और अनुयायी एकत्र हुए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के लोग नोएडा में बीएसपी शासन काल में स्थापित 'राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डन' में उमड़े। यहां पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने भी बाबा साहेब को श्रद्धासुमन अर्पित किए। देश के अन्य राज्यों में भी जोन स्तर पर बड़े कार्यक्रम हुए।

मायावती ने सभी कार्यकर्ताओं और खासकर उत्तर प्रदेश के लोगों का तहे-दिल से धन्यवाद दिया। साथ ही कड़ा सवाल उठाया, "स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के साथ-साथ बाबा साहेब की जयंती व पुण्यतिथि पर यह सवाल बार-बार मन में उठता है कि संविधान के पवित्र मानवतावादी और कल्याणकारी उद्देश्यों पर आधारित करोड़ों बहुजनों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान युक्त अच्छे दिन कब आएंगे?"

बीएसपी सुप्रीमो ने देश की एकमात्र अंबेडकरवादी पार्टी होने का दावा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी इस बात को लेकर बेहद चिंतित है कि जिन दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्ग और धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित-कल्याण के लिए बाबा साहेब ने आजीवन संघर्ष किया और संविधान में विशेष अधिकार व कानून दिलवाए, उन करोड़ों शोषित-पीड़ित लोगों को अभी तक थोड़े से भी 'अच्छे दिन' क्यों नसीब नहीं हुए।

उन्होंने बाबा साहेब को शत्-शत् नमन करते हुए संकल्प दोहराया कि बीएसपी उनकी विचारधारा पर चलते हुए बहुजन समाज के हक-अधिकारों की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ती रहेगी।

--आईएएएस

एससीएच

Point of View

बल्कि सामाजिक भी है। यह दर्शाता है कि आज भी समाज में असमानता और शोषण की चुनौतियां बनी हुई हैं।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

महापरिनिर्वाण दिवस का महत्व क्या है?
महापरिनिर्वाण दिवस बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि है, जो उनके जीवन और काम को याद करने का दिन है।
मायावती ने क्या सवाल उठाया?
मायावती ने पूछा कि बहुजनों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान युक्त 'अच्छे दिन' कब आएंगे।
बीएसपी का क्या दृष्टिकोण है?
बीएसपी दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
Nation Press