क्या महाराष्ट्र में 58 करोड़ के डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में 6 और आरोपी गिरफ्तार हुए?

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क्या महाराष्ट्र में 58 करोड़ के डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में 6 और आरोपी गिरफ्तार हुए?

सारांश

महाराष्ट्र साइबर क्राइम द्वारा 58 करोड़ रुपए के डिजिटल अरेस्ट साइबर फ्रॉड में 6 नए आरोपियों की गिरफ्तारी ने पूरे मामले को और जटिल बना दिया है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र साइबर क्राइम द्वारा 6 नए आरोपियों की गिरफ्तारी।
  • इस मामले में अब तक कुल 26 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।
  • ठगों ने सरकारी अधिकारी बनकर ठगी की।
  • इंडोनेशिया में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया।
  • साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करने की सलाह।

मुंबई, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र साइबर क्राइम ने 58 करोड़ रुपए के चर्चित डिजिटल अरेस्ट साइबर फ्रॉड मामले में एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस प्रकार, अब तक इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कुल संख्या 26 हो गई है।

महाराष्ट्र साइबर क्राइम के अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए नए आरोपी कभी बैंक अकाउंट होल्डर तो कभी मीडिएटर के रूप में कार्य कर रहे थे। जांच के दौरान यह पता चला है कि ठगी की गई रकम इन लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी, जिसके बदले उन्हें कुल रकम का 1 से 5 प्रतिशत तक कमीशन देने का वादा किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि इस साइबर फ्रॉड में शामिल नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और कई फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बैंक अकाउंट खोले गए थे। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ठगी की शेष राशि कहां ट्रांसफर की गई और मुख्य साजिशकर्ता कौन है। जांच में और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

इससे पहले, 28 अक्टूबर को इसी मामले में महाराष्ट्र साइबर सेल ने छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने पीड़ित दंपत्ति को सरकारी अधिकारी बनकर धमकाया और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर उनकी सारी जमा पूंजी इंडोनेशिया स्थित एक बैंक खाते में ट्रांसफर कराई। जांच में यह भी सामने आया है कि इस खाता के माध्यम से पिछले 14 महीनों में 513 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया गया है। इस खाते में मनी लॉन्ड्रिंग और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए रकम विदेश भेजी गई।

महाराष्ट्र साइबर सेल का कहना है कि पूछताछ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले साइबर नेटवर्क के कई और लिंक सामने आ रहे हैं। पुलिस अब विदेशी एजेंसियों की मदद से इंडोनेशिया के बैंक खाते और उसके ट्रांजैक्शन की गहराई से जांच कर रही है।

अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन जांच, कॉल या कानूनी नोटिस के नाम पर भयभीत न हों और ऐसे मामलों में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।

Point of View

तब तक ऐसे फ्रॉड हमारे लिए खतरा बने रहेंगे।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड क्या है?
डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड एक प्रकार की ठगी है, जिसमें ठग पीड़ितों को सरकारी अधिकारी बनकर डराते हैं और उनकी संपत्ति को अवैध रूप से ट्रांसफर कर देते हैं।
इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या क्या है?
इस मामले में अब तक कुल 26 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
क्या मुझे साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करना चाहिए?
अगर आप साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
क्या यह मामला केवल महाराष्ट्र तक सीमित है?
नहीं, इस साइबर फ्रॉड का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है।
क्या विदेशी एजेंसियों की मदद ली जा रही है?
हाँ, पुलिस विदेशी एजेंसियों की मदद से जांच कर रही है।