क्या महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में क्राइम ब्रांच ने डकैत गिरोह को पकड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- क्राइम ब्रांच की कार्रवाई ने क्षेत्र में सुरक्षा की भावना को बहाल किया।
- आरोपियों को जनता के सामने पेश करने से लोगों का विश्वास बढ़ा।
- पुलिस ने अनोखे तरीके से डकैत गिरोह को पकड़ने में सफलता पाई।
- हत्याकांड में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी से एक बड़ा राज खुला।
- सुरक्षा और सामुदायिक विश्वास के लिए पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है।
अहिल्यानगर, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के अहिल्यानगर के सुपा क्षेत्र में लंबे समय से आतंक का पर्याय बने कुख्यात डकैत गिरोह पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। नगर-पुणे हाइवे के चास घाट इलाके में डकैती की योजना बना रहे पांच संदिग्धों को पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया।
पुलिस ने आरोपियों के पास से एक इनोवा कार, पिस्तौल, जिंदा कारतूस और डकैती में प्रयुक्त होने वाले अन्य सामान सहित लगभग 8 लाख रुपए
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें गांव में बारात निकालकर पूरे क्षेत्र में घुमाया गया। इससे लोगों के सामने अपराधियों की गुंडागर्दी चकनाचूर होती नजर आई। पुलिस की इस कार्रवाई ने हाइवे पर सफर कर रहे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को राहत की सांस दी।
इससे पहले, गुरुवार को मुंबई पुलिस ने कांदिवली चारकोप क्षेत्र में व्यवसायी अयूब सैयद की हत्या के मामले में एक फरार आरोपी को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि अयूब की हत्या उनके छोटे बेटे हामिद अयूब सैयद (41) और उनके बिजनेस पार्टनर शानू मुश्ताक चौधरी (40) ने करवाई थी। अब तक इस मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुंबई पुलिस ने हत्याकांड में शामिल फरार आरोपी शहनवाज कुरैशी को गोवंडी इलाके से गिरफ्तार किया। शहनवाज का आपराधिक इतिहास रहा है। नाबालिग रहते हुए उस पर हत्या का मामला दर्ज किया जा चुका है।
पुलिस के अनुसार, व्यवसायी अयूब सैयद की हत्या के लिए आरोपियों को करीब 6.5 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। लगभग एक महीने पहले हामिद और शानू ने मिलकर हत्या की योजना बनाई थी। बताया जा रहा है कि करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद हामिद पैसों की तंगी से परेशान था। जब भी वह पैसे मांगता, उसके पिता उसे अपमानित कर देते। इसी नाराजगी और लालच में उसने पिता को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया और शानू को इसमें शामिल कर लिया।