क्या महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में डिजिटल हस्ताक्षर पर विवाद है?

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क्या महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में डिजिटल हस्ताक्षर पर विवाद है?

सारांश

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में एक नया विवाद उभरा है, जहां फॉर्म 'ए' और 'बी' पर डिजिटल हस्ताक्षर के अनधिकृत उपयोग की शिकायत की गई है। इस पर राज्य चुनाव आयोग को औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई गई है। क्या यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को खतरे में डाल रहा है?

Key Takeaways

  • डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग चुनावी प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है।
  • सम्बंधित उम्मीदवारों की अयोग्यता की मांग की गई है।
  • राज्य चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी होगी।

मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों (नगर परिषद, नगर पंचायत और अन्य निकायों) के दौरान एक नई संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है। फॉर्म 'ए' और फॉर्म 'बी' (जो राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों को अधिकृत करने और प्रतीक आवंटन के लिए जारी किए जाते हैं) पर डिजिटल हस्ताक्षर के अनधिकृत उपयोग को लेकर राज्य चुनाव आयोग को औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई गई है।

एक विस्तृत शिकायत पत्र में मांग की गई है कि ऐसे फॉर्मों को अमान्य घोषित कर संबंधित उम्मीदवारों के नामांकन अस्वीकार किए जाएं और उन्हें अयोग्य ठहराया जाए। शिकायतकर्ता ने राज्य चुनाव आयुक्त, महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को संबोधित पत्र में कहा है कि कई राजनीतिक दलों ने आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

आयोग के नियमों के अनुसार, फॉर्म 'ए' (पार्टी द्वारा उम्मीदवार को अधिकृत करने वाला) और फॉर्म 'बी' (प्रतीक आवंटन) पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के अधिकृत पदाधिकारी द्वारा भौतिक (हस्तलिखित) हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। डिजिटल या कम्प्यूटरीकृत हस्ताक्षर का उपयोग किसी भी नियम, अधिसूचना या निर्देश में अधिकृत नहीं है।

पत्र में तर्क दिया गया है कि डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग एक गंभीर प्रक्रियात्मक अनियमितता है, जो चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता, पारदर्शिता और प्रामाणिकता पर सीधा प्रहार करता है। इससे संबंधित उम्मीदवारों को गैरकानूनी लाभ मिलता है, भविष्य के चुनावों के लिए खतरनाक मिसाल कायम होती है और आयोग के नियमों की बाध्यकारी प्रकृति कमजोर पड़ती है।

शिकायतकर्ता ने मांग की है कि आयोग तुरंत निम्न कार्रवाई करे :

सभी दलों द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर से जारी/सत्यापित फॉर्म 'ए' और 'बी' को अस्वीकार कर अमान्य घोषित किया जाए; ऐसे अमान्य फॉर्म पर आधारित नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के नामांकन अस्वीकार कर उन्हें अयोग्य ठहराया जाए; सभी रिटर्निंग अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किया जाए; स्वतंत्र, निष्पक्ष और कानूनी चुनावों के हित में अन्य आवश्यक आदेश पारित किए जाएं।

Point of View

यह मामला लोकतंत्र की नींव को दर्शाता है। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करना आवश्यक है। यदि नियमों का पालन नहीं किया जाता, तो यह न केवल चुनावों की विश्वसनीयता को प्रभावित करता है, बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी कमजोर करता है।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग क्यों किया गया?
डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए किया गया था, लेकिन यह नियमों के खिलाफ है।
क्या आयोग इस मामले को गंभीरता से लेगा?
हां, आयोग को इस शिकायत पर उचित कार्रवाई करनी होगी ताकि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनी रहे।
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