क्या एकनाथ शिंदे गुट का दावा सच है कि उद्धव ठाकरे के सभी विधायक संपर्क में हैं?

सारांश
Key Takeaways
- शिवसेना में बगावत का खतरा मंडरा रहा है।
- शिंदे गुट का दावा संभावित राजनीतिक बदलाव का संकेत है।
- बीएमसी चुनाव से पहले स्थिति और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
- ठाकरे ब्रदर्स की एकजुटता से राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं।
- उद्धव ठाकरे की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
नागपुर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र की राजनीति में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक कृपाल तुमाने ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) के केवल दो विधायकों को छोड़कर अन्य सभी विधायक एकनाथ शिंदे गुट के संपर्क में हैं और जल्द ही उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
कृपाल तुमाने ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "यूबीटी के लोग संजय राउत के रवैये से परेशान हैं। यही कारण है कि उनके दो विधायकों को छोड़कर बाकी सभी हमारे संपर्क में हैं। इसके अलावा, मुंबई के 80 प्रतिशत पूर्व नगरसेवक भी शिंदे गुट के साथ जुड़ने के लिए तैयार हैं।"
उन्होंने दशहरा मेला के अवसर पर बड़े खुलासे और पार्टी प्रवेश समारोह की संभावना का भी उल्लेख किया।
गौरतलब है कि 2022 में महाराष्ट्र की राजनीति में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे ने बगावत का झंडा बुलंद किया था, तब एक भूचाल आ गया था। इस बगावत के परिणामस्वरूप शिवसेना में फूट पड़ गई और शिंदे के साथ 39 अन्य विधायकों ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर लिया था।
इस घटना ने महाविकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन सरकार, जिसमें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी- शरद गुट) और कांग्रेस शामिल थे, को सत्ता से बाहर कर दिया था।
शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के बीच तनाव अभी भी जारी है। बीएमसी चुनाव से पहले शिंदे गुट का यह दावा महाराष्ट्र की सियासत में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है।
यह दावा ऐसे समय में किया जा रहा है, जब बीएमसी चुनाव से पहले 'ठाकरे ब्रदर्स' एकजुट हो रहे हैं। लगभग 20 साल के बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आए हैं। इसके कारण महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पहले ही बदल चुके हैं। हालांकि, 'ठाकरे ब्रदर्स' पहली परीक्षा में असफल रहे हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र में बेस्ट एम्प्लॉयीज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के चुनावों में दोनों भाइयों उद्धव और राज ठाकरे की पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन खाता भी नहीं खुला।