क्या गढ़चिरौली में माओवादियों की घातक साजिश नाकाम हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- गढ़चिरौली में माओवादियों की घातक साजिश नाकाम हुई।
- पुलिस ने पुराने विस्फोटक और खतरनाक सामग्री जब्त की।
- सुरक्षा बलों ने अपनी तत्परता से एक बड़े हादसे को टाला।
- नक्सलियों के खिलाफ यह कार्रवाई पूरे जिले की सुरक्षा को मजबूत करती है।
- पुलिस की vigilance और quick action महत्वपूर्ण हैं।
गढ़चिरौली, १७ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों ने एक और महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। माओवादी तत्वों द्वारा पुलिस बल पर घात लगाने की योजना को विफल करते हुए, घने जंगलों में छिपाए गए पुराने विस्फोटक और खतरनाक सामग्री को जब्त किया गया।
पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के मार्गदर्शन में की गई इस कार्रवाई का आरंभ विश्वसनीय गुप्त सूचना से हुआ। सूचना के अनुसार, पोस्ते-कोरची की सीमा पर मौजा लेकुरबोडी के जंगल में माओवादियों ने पिछले वर्ष से विस्फोटक छिपाकर रखे थे। इनका उपयोग वे सुरक्षाबलों पर हमले के लिए करने वाले थे। गढ़चिरौली, जो छत्तीसगढ़ सीमा से सटा हुआ है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहां की दुर्गम भौगोलिक स्थिति माओवादियों को छिपने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है।
१५ सितंबर को एक विशेष योजना के तहत तीन विशेष अभियान दलों और बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) की टीम को क्षेत्र में भेजा गया। १६ सितंबर को तलाशी अभियान के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध स्थान पर विस्फोटक सामग्री छिपी हुई मिली। बीडीडीएस की जांच में बरामद सामग्री में १ नग ५ लीटर स्टील का केन, १.२५ किलोग्राम सफेद विस्फोटक पाउडर, २.५० किलोग्राम नुकीला लोहे का सिलेंडर, ४ नग क्लेमोर और ८ नग बिजली के तार के बंडल शामिल हैं।
सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए, पुलिस ने मौके पर ही सभी विस्फोटकों को सुरक्षित तरीके से जब्त कर लिया। क्लेमोर जैसे खतरनाक हथियारों का उपयोग माओवादी अक्सर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने के लिए करते हैं, जो सुरक्षाबलों के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकते हैं।
गढ़चिरौली पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया। एसपी नीलोत्पल ने कहा, "नक्सलियों की साजिशों को चकमा देने के लिए हमारी टीमें सप्ताह में सातों दिन २४ घंटे सतर्क रहती हैं। यह सफलता पूरे जिले की सुरक्षा को मजबूत करती है।" हाल ही में गढ़चिरौली में कई मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जहां चार माओवादी ढेर हो चुके हैं।